शिमला, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। नाबालिग होने के कारण शिमला के 15 वर्षीय स्कूली छात्र गौरिश साइकिलिंग की दुनिया की सबसे कठिन माने जाने वाली रेस-एमटीवी हिमालय में शिरकत नहीं कर सकते, लेकिन वह हीरो एमटीवी शिमला रैली में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के तौर पर खुद को स्थापित करना चाहते हैं।
शिमला और उसके आस-पास के इलाकों में 14 से 16 अप्रैल तक आयोजित होने वाली शिमला रैली में शिमला के छह प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। गौरिश उनमें से एक हैं। गौरिश का मानना है कि शिमला रैली से उन्हें अत: खुशी मिलती है और वह तीसरी बार इसमें हिस्सा लेने जा रहे हैं।
कक्षा 11वीं के छात्र गौरिश ने यहां शिमला रैली के शुरुआत के उपलक्ष्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मैं एक उत्साही साइकिल चालक हूं। शिमला रैली मेरे जैसे चालकों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है जहां से मैं खुद को एमटीवी हिमालय जैसी कठिन रैली के लिए तैयार कर सकता हूं।”
साल 2015 में आयोजित शिमला रैली में स्टूडेंट श्रेणी में दूसरा और ओवरऑल पांचवा स्थान हासिल करने वाले गौरिश ने कहा, “शिमला इसलिए खास है क्योंकि यहां मेरी उम्र से और अनुभवी चालकों से मुझे जबरदस्त प्रतिस्पर्धा मिलती है। साथ ही शिमला के आस-पास के इलाके साइकिल रैली के लिए चुनौतीपूर्ण और उपयुक्त माहौल है।”
शिमला रैली में 17 शहरों और चार देशों के 105 चालक हिस्सा ले रहे हैं। शिमला के ही देवेन्द्र ठाकुर पुरुष सोलो वर्ग में अपना खिताब बचाने का प्रयास करेंगे।