झेंगझू में एससीओ के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों की बैठक खत्म होने के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि इस सहयोग से एससीओ सदस्यों को साझेदारी बढ़ाने में, निवेश बढ़ाने में, उपभोक्ता बाजारों का विस्तार करने में और रोजगार बढ़ाने में और सभी के लिए विकास सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया है कि आर्थिक और व्यापारिक सहयोग का ध्यान उत्पादन क्षमता बढ़ाने में निवेश तथा अवसंरचना निर्माण पर रहेगा।
प्रधानमंत्रियों ने बेल्ट एंड रोड पहल के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे उनकी अपनी अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्रियों ने तेज रफ्तार रेल प्रणाली के विकास और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारा बनाने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
उन्होंने आर्थिक सहयोग क्षेत्र स्थापित करने और प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग के लिए कंपनियों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने तथा रोजगार अवसर बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्रियों ने व्यापार संरचना का अधिकतम दोहन करने, सेवा व्यापार का विस्तार करने और ई-कॉमर्स सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। वे चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाएंगे।
उन्होंने एससीओ 2016 के लिए बजट को मंजूरी दी और 2016 का प्रधानमंत्री सम्मेलन किर्गिस्तान में करने का फैसला किया।
एससीओ में अभी छह सदस्य देश हैं : चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान। अफगानिस्तान, भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान पर्यवेक्षक देश हैं। बेलारूस, तुर्की और श्रीलंका वार्ता साझेदार हैं।