अगरतला, 22 नवंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा में उपभोक्त शिकायत निवारण मंच ने ऑपरेशन में लापरवाही बरतने पर एक सर्जन पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक वकील ने रविवार को बताया कि मामला नौ साल पुराना है।
एक महिला के पित्ताशय के ऑपरेशन के बाद सर्जन ने उसके उदर (एब्डोमन) में आठ इंच लंबी नालीदार ट्यूब छोड़ दी थी।
वकील सुजाता देब गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “पश्चिमी त्रिपुरा उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने शुक्रवार को वरिष्ठ सर्जन प्रताप सान्याल पर जनवरी 2006 में एक निजी नर्सिग होम में सर्जरी में लापरवाही बरतने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।”
मंच ने चिकित्सक से कहा है कि उसे इलाज खर्च के एवज में महिला को एक लाख रुपये एकमुश्त 45 दिन में देने होंगे। 50 हजार रुपये महिला को हुई मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के बदले में चुकाने होंगे और 50 हजार रुपये मुकदमे के खर्च के रूप में महिला को देने होंगे।
वकील ने मंच के आदेश के हवाले से कहा कि तयशुदा समय में धन नहीं देने पर चिकित्सक को महिला को नौ फीसदी ब्याज भी देना होगा।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “जनवरी 2006 में सरबनी देब के लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान डॉक्टर प्रताप सान्याल ने बेहद लापरवाही से काम किया जो आपराधिक लापरवाही या आपराधिक दोष की श्रेणी में आता है।”
इस मामले में याचिका सरबनी देब के पत्रकार पति बापी राय चौधरी ने दायर की थी। देब और चौधरी का कहना है कि बाद में अलग संस्थान की रपट लेकर जब वे सान्याल से मिलने गए तो उनके साथ सान्याल ने अभद्रता की।
वकील ने बताया कि सान्याल के इलाज से अंसतुष्ट देब ने अक्टूबर 2007 में कोलकाता में चिकित्सकों से सलाह ली। उन्होंने ऑपरेशन के द्वारा देब के पेट से ट्यूब निकाल दी और उन्हें पीड़ा से मुक्ति दिलाई गई।