फरीदाबाद, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) योजना लागू करने की मंजूरी दे दी है, जो पिछले 40 वर्षो से अटकी हुई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो सैनिक समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेंगे, उन्हें भी वन रैंक वन पेंशन का लाभ मिलेगा।
मोदी ने बदरपुर-मुजेसर (फरीदाबाद) मेट्रो लाइन के शुभारंभ के बाद हरियाणा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “जिन्होंने 40 वर्षो से कुछ नहीं किया, उन्हें जवानों के पक्ष में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के आधार पर जो सैनिक सेवानिवृत्ति लेंगे, उन्हें ओआरओपी का लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा, “कुछ लोग यह सोचते हैं कि जो सैनिक 15-17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति लेंगे, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा। यह गलत है।”
उन्होंने कहा कि जो जवान घायल हो जाते हैं और उसके बाद वह सेना छोड़ते हैं तो वह ओआरओपी के लाभ से वंचित नहीं रहेंगे, वह इस लाभ के दायरे में रहेंगे।
मोदी ने कहा, “जो लोग देश के लिए जीते और मरते हैं, उनके लिए हमने वादा किया था कि ओआरओपी लागू करेंगे।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसकी बारीकी से जांच-परख की कि वन रैंक वन पेंशन से सरकारी खजाने से कितना खर्च होगा और पाया कि 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
मोदी ने पिछले 42 वर्षो से यह योजना लंबित होने के बावजूद कांग्रेस और पिछली केंद्र सरकारों द्वारा इस दिशा में कुछ भी न करने पर उन्हें आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल मई में कार्यभार संभालने के बाद से ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।
मोदी ने कहा कि इस फैसले से करीब 80 फीसदी सेना के हवलदार, नाइक और सेपॉय लाभान्वित होंगे।
मोदी ने कहा कि उन्होंने रेवाड़ी में 15 सितंबर, 2013 को ओआरओपी लागू करने का वादा किया था और अब उनकी सरकार ने इसे लागू कर दिया है।
ओआरओपी लागू किए जाने के फैसले पर कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने मोदी के प्रति आभार जताया है।