नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार को राष्ट्रदोह के मामले में छह महीने के लिए दी गई अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले वकील को न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अगर वह यह याचिका खारिज करती हैं तो उन्हें इसका हर्जाना भरना पड़ेगा। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को दूसरी पीठ करेगी।
नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार को राष्ट्रदोह के मामले में छह महीने के लिए दी गई अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले वकील को न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अगर वह यह याचिका खारिज करती हैं तो उन्हें इसका हर्जाना भरना पड़ेगा। अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को दूसरी पीठ करेगी।
इस मामले की सुनवाई से पहले न्यायमूर्ति रानी ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर वे जमानत रद्द करने को दी गई इस याचिका को खारिज करेंगी तो उन्हें इसके लिए हर्जाना भरने को तैयार रहना चाहिए।
वकील आर. पी. लूथरा ने याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित होकर अदालत की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें धमकाया नहीं जा सकता। क्योंकि उन्हें अपने तर्को को रखने का अधिकार है।
लूथरा ने कहा, “अदालत इस ढंग से काम नहीं कर सकती, आप मुझे धमकी नहीं दे सकते। मैं भारत का नागरिक हूं। मैं जो भी कहना चाहता हूं वह मुझे कहने का हक है। मैं इस मामले को दूसरी पीठ के समक्ष ले जाना चाहता हूं।”
न्यायमूर्ति रानी ने कहा कि वह उन्हें धमका नहीं रही है। लेकिन यह स्पष्टीकरण दे रही हैं कि अगर इसे खारिज किया जाता है तो आपको इसकी कीमत चुकानी होगी। बाद में अदालत ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित कर दिया। अब इस पर दूसरी पीठ गुरुवार को सुनवाई करेगी।
कन्हैया की जमानत खारिज करने की मांग को लेकर दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी जिसमें से एक याचिकाकर्ता ने आज अदालत से याचिका वापस ले ली।