बेंगलुरू, 16 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी जल विवाद मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया, जिससे कर्नाटक ने राहत की सांस ली है।
एक आधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया, “मुख्यमंत्री (सिद्धारमैया) ने संतोष जताया है कि इस विवाद में राज्य के पक्ष में फैसला आया और कावेरी नदी से मिलने वाले पानी में राज्य की हिस्सेदारी को बढ़ाकर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके रुख को आंशिक रूप से स्वीकार किया, जिसमें पीने के उद्देश्य से बेंगलुरू को अधिक पानी आवंटित करने का निर्णय भी शामिल है।”
इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि वह वकीलों से परामर्श करने और अंतिम आदेश को पढ़ने के बाद इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देंगे।
मुख्यमंत्री वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राज्य के बजट को पेश करने में व्यस्त हैं।
सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा, “हमें सर्वोच्च न्यायालय से कुछ न्याया मिला, जिससे मैं चिंतामुक्त और खुश हूं। मैं अपनी कानूनी टीम से बात करने और फैसले को पढ़ने के बाद आपके पास वापस लौटूंगा, क्योंकि मैं सुबह से राज्य के बजट को पेश करने की तैयारी कर रहा हूं।”
कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण द्वारा 2007 में दिए गए फैसले के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल द्वारा दायर याचिकाओं पर अंतिम फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक की हिस्सेदारी में 14.75 टीएमसी फुट का इजाफा किया, जिसमें से बेंगलुरू को 4.75 टीएमसी फुट पानी दिया जाएगा।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू मंड्या जिले में स्थित कावेरी नदी से 120 किलोमीटर दूर है।
प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की पीठ ने तमिलनाडु को मिलने वाले पानी को 192 टीएमसी फुट से घटाकर 177.25 टीएमसी फुट कर दिया। पीठ ने कहा कि कावेरी न्यायाधिकरण ने तमिलनाडु में नदी के बेसिन में उपलब्ध भूजल पर ध्यान नहीं दिया था।
कर्नाटक किसान संघ के प्रमुख जी. मदे गौड़ा ने मैसूर के लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने की अपील की है, क्योंकि यह फैसला आंशिक रूप से राज्य के पक्ष में है।
गौड़ा ने मंड्या में संवाददाताओं से कहा, “हम अदालत के फैसले को पढ़ने के बाद अपनी आगे की योजना के बारे में निर्णय लेंगे। हम फैसले की प्रति मिलने का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद उसे पढ़ेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह हमारे लिए कितना लाभकारी सिद्ध होगा, खासकर क्षेत्र के किसानों और लोगों कि लिए।”
इस बीच बेंगलुरू, मंड्या, मैसूर और चामराजनगर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हमने मंड्या और मैसूर जिलों में स्थित जलाशयों के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है, ताकि उनकी और बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”