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किसानों की समस्याओं को पेश करती कला प्रदर्शनी

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक कला वीथिका में किसानों की समस्याओं और मौजूदा समाज में लगातार कम हो रहे किसानों के महत्व को विभिन्न कला माध्यमों के जरिए प्रस्तुत किया गया है।

मध्य प्रदेश के विदिशा में एक जमींदार परिवार में जन्म लेने के बावजूद अक्षय राठौर ने विरासत संभालने की बजाय कला के माध्यम से उन समस्याओं के प्रति अपनी अभिव्यक्ति को रूपाकार करने का पेशा चुना, जिन्हें लगभग भुला दिया गया है।

विजुअल कलाकार अक्षय इस समय पेरिस में बस चुके हैं।

अक्षय की कलाकृतियों की एकल प्रदर्शनी इन दिनों भारत में पहली बार दिल्ली की कला वीथिका ‘गैलरी एस्पेस’ में ‘शक्तिहीन क्रोध’ शीर्षक से लगाई गई है। यह प्रदर्शनी 20 अप्रैल तक चलेगी।

राठौर ने कहा, “मैं ऐसे माहौल में पला-बढ़ा जहां उच्च जाति की राजनीति का दबदबा था और मैंने ग्रामीण सामाजिक संरचना को टूटते-बिखरते देखा है, जो प्रथमत: उदारवाद के बाद भूमि सुधार को ठीक तरह लागू न कर पाने का परिणाम रहा।”

उन्होंने आगे कहा, “यह प्रदर्शनी ग्रामीण भारत के लोगों में दबे गुस्से को प्रस्तुत करती है, जो ऊपरी तौर पर दिखाई नहीं देता बल्कि यहां तक कि उसे शक्तिहीन भी माना जा सकता है। यह प्रदर्शनी उसी गुस्से के वाणिज्यिकरण और उसके प्रभाव को पेश करती है।”

राठौर की इस प्रदर्शनी में ‘ऑबिचुअरी’ शीर्षक से प्रस्तुत चित्र में 70 वर्षीय किसान टिकाराम को अपने खेत की ओर देखते हुए अकेले दिखाया गया है।

राठौर कहते हैं, “टिकाराम एक विशेष जाति से आने वाले किसान हैं, जो भूमि की उर्वरता का सर्वोत्तम उपयोग करने में महारथी होते हैं।”

उन्होंने कहा कि उनकी ये कलाकृतियां खेती की एक उन्नत एवं बुद्धिमत्तापूर्ण प्रणाली की मौत के प्रति श्रद्धांजलि है।

किसानों की समस्याओं को पेश करती कला प्रदर्शनी Reviewed by on . नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक कला वीथिका में किसानों की समस्याओं और मौजूदा समाज में लगातार कम हो रहे किसानों के महत्व को विभिन्न कला मा नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक कला वीथिका में किसानों की समस्याओं और मौजूदा समाज में लगातार कम हो रहे किसानों के महत्व को विभिन्न कला मा Rating:
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