नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने सोमवार को नई दिल्ली में ‘इंडिया रैंकिंग्स 2016’ जारी की और राष्ट्र को भारत की सर्वप्रथम रैंकिंग समर्पित की।
‘इंडिया रैंकिंग्स 2016’ जारी करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास रचा गया है, क्योंकि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) अपने किस्म का पहला कदम है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलावों का सूत्रपात करने में सक्षम रहा है तथा मंत्रालय द्वारा जो कदम धीरे-धीरे और निरंतर गति से उठाए गए हैं, वे अब फलीभूत हो रहे हैं।
ईरानी ने कहा कि यह रैंकिंग नागरिकों को सशक्त बनाएगी, क्योंकि वह उन्हें इस बात का पर्यवेक्षण करने की शक्ति प्रदान करेगी कि वे किस प्रकार के संस्थान चाहते हैं। करीब 60000 पर्यवेक्षकों ने हमारे मौजूदा संस्थानों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए है।
उन्होंने कहा कि इन रैंकिंग्स से उत्कृष्टता के अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक पहुंचने में सहायता मिलेगी। इन रैंकिंग्स से छात्रों को उन संस्थानों के बारे में सोच विचार कर फैसला करने में मदद मिलेगी, जिनसे वे जुड़ना चाहते हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि जो आंकड़ें हमें प्राप्त हुए हैं और जिनका हमने विश्लेषण किया है, उनका तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए एल्सवियर जैसी एजेंसी को साथ जोड़ा गया।
‘इंडिया रैंकिंग्स 2016’ उद्देश्य, पहचान योग्य मानकों पर आधारित देश के उच्च शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग करने का पहला प्रयास है। इससे पहले 29 सितम्बर, 2015 को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) प्रारंभ किया था।
देश में छह श्रेणियों में विभाजित 3,600 से ज्यादा उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा जमा कराये गए आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण और सत्यापन के बाद यह रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में भारतीय दृष्टिकोण का अनुसरण किया गया है, जहां संस्थान का आकलन शिक्षण, अनुसंधान, सामूहिक पद्धति और व्यावसायिक निष्पादन, क्रमिक निष्कर्षो, नौकरियों, पहुंच और समावेशी कार्रवाई तथा समकक्ष समूह की धारणा सहित मानकों के आधार पर किया जाता है।
देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए विश्वसनीय, पारदर्शक और प्रामाणिक रैंकिंग प्रणाली स्थापित करने का फैसला केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के प्रमुखों की सिफारिश के आधार पर लिया गया है।
कोर समिति जिसमें राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रसाद, आईआईटी, खड़गपुर के निदेशक पी.पी. चक्रबर्ती, आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति के अलावा उच्च शिक्षा सचिव और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे, ने इसके लिए प्रारूप तैयार किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव वी.एस. ओबेरॉय, अपर सचिव, मानव संसाधन विकास मंत्रालय सुब्रह्मण्यम, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रसाद, यूजीसी अध्यक्ष वेद प्रकाश, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर सहस्त्रबुद्धे और एनबीए के सदस्य सचिव डॉ. अनिल कुमार नस्सा भी उपस्थित थे।