तिरुवनंतपुरम, 9 जुलाई (आईएएनएस)। केरल के प्रवासियों को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार देने के मुद्दे पर यहां गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक के दौरान चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने की। मुख्यमंत्री ने हालांकि प्रॉक्सी वोटिंग की संभावना से इंकार किया, क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल ने इस विचार का समर्थन नहीं किया।
माकपा नेताओं ने बाद में कहा कि उन्हें राज्य के प्रवासियों को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार देने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे इसके तकनीकी पहलुओं को लेकर आशंकित हैं और विशेषज्ञों से परामर्श लेने की जरूरत है।
केरल के प्रवासी बेहद लंबे समय से ऑनलाइन वोटिंग की मांग कर रहे हैं, जिनकी संख्या 23 लाख है और देखना है कि मतदाता सूची में कितनों के नाम दर्ज होंगे।
केरल में त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची तैयार हो रही है। चुनाव अक्टूबर में होंगे, जबकि नवनिर्वाचित सदस्य एक नवंबर, 2015 को कार्यभार संभाल लेंगे।
जब राजनीतिक पार्टियां ऑनलाइन वोटिंग के मुद्दे पर फैसला ले लेंगी, केरल सरकार राज्य के निर्वाचन आयोग को इसकी सूचना दे देगी, जो सभी विकल्पों पर विचार करते हुए अंतिम फैसला लेगा।
राज्य में विभिन्न स्थानीय निकायों के कुल 21,682 सीटों के लिए चुनाव होंगे, जिनमें से आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।