तिरुवनंतपुरम, 28 फरवरी (आईएएनएस)। राज्य में बढ़ते आपराधिक मामलों के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस के अगुवाई वाले विपक्ष ने विधानसभा से बहिर्गमन किया।
विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन द्वारा पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता तिरुवंचूर राधाकृष्णन द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया, जिसके बाद विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के राज्य पुलिस के ऊपर पकड़ ढीली होने से केरल की शांति नष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि नौ महीने पुरानी पिनरई विजयन की अगुवाई वाली वाम मोर्च सरकार ने ‘ईश्वर का राज्य कहे जाने वाले प्रदेश को गुंडों के राज्य’ में बदल दिया है।
चेन्निथला ने कहा, “विजयन के बीते साल मई में सत्ता संभालने के बाद 18 हत्या, 1,085 दुष्कर्म के मामले, 620 बच्चों पर हमले और 2690 महिलाओं पर हमले के मामले दर्ज किए गए हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि विजयन पुलिस को संभालने में विफल रहे हैं, जिसके कारण आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है और गुंडों को खुली छूट मिल गई है।
उन्होंने कहा, “जब मैं गृह विभाग संभाल रहा था तब हमने एक विशेष योजना ‘ऑपरेशन सुरक्षा’ और ‘ऑपरेशन कुबेर’ के तहत गुंडों को निशाना बनाया और उन्हें हिरासत में डाला।”
चेन्निथला ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपने उस कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ाया, क्योंकि यह हमारे द्वारा शुरू की गई थी।”
आरोपों पर जवाब देते हुए विजयन ने कहा कि राज्य के हालात कांग्रेस सरकार से बेहतर हैं।
मुख्यमंत्री विजयन ने कांग्रेस उन रपटों का जिक्र किया, जिसके अनुसार एक लोकप्रिय अभिनेत्री को कांग्रेस शासन के दौरान एक कार्यक्रम में अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ा था, और उस कार्यक्रम में कांग्रेस का एक सांसद मौजूद था।
उन्होंने कहा, “श्वेता मेनन को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था और बाद में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेनन के अपमान के खिलाफ प्रदर्शन किया था।”
विजयन के अनुसार, उन्होंने एक योजना लागू की है, जिसमें पुलिस अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक सूची सौंपी गई है।