तिरुवनंतपुरम, 10 नवंबर (आईएएनएस)। केरल बार घोटाले में वित्त मंत्री के.एम. मणि के इस्तीफे की मांग जोर-शोर से उठने के कारण मंगलवार को चर्चाओं और मुलाकातों का दौर जारी रहा।
विपक्षी वाम मोर्चा और कांग्रेस सहित कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा के सहयोगी दल वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
मणि पर बंद बारों को खुलवाने के लिए धनवान बार मालिकों से कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है। केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को बार घोटाला मामले में आगे जांच करने के विशेष सतर्कता अदालत के निर्देश को बरकरार रखा।
मणि के करीबी माने जाने वाले चार विधायकों और राज्य सिंचाई मंत्री पी.जे. जोसेफ के बीच इस मुद्दे को लेकर अलग अलग राय हैं।
राज्य सरकार के मुख्य सचेतक और मणि के करीबी सहयोगी थॉमस उन्नीयदन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने मणि को दोषी नहीं पाया है।
उन्नीयदन ने कहा, “अदालत ने मामले की जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया है और हम इसे स्वीकार करते हैं। लेकिन अदालत ने मणि को दोषी नहीं माना है।”
इस बीच मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने अपने दल के और सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की।
बाद में भारतीय केंद्रीय मुस्लिम लीग के नेताओं और राज्य उद्यम मंत्री पी.के. कुन्हलीकुट्टी ने मुलाकात पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
कुन्हलिकुट्टी ने कहा, “इस समय मैं कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मुख्यमंत्री सहयोगियों से अलग से मुलाकात कर रहे हैं। संयुक्त जनतांत्रिक मोर्चा के सदस्यों की मुलाकात हो जाने के बाद हम दिन में फिर आएंगे।”
मणि के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि वे अडिग हैं कि अगर उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया तो वे अपने नजदीकी चार विधायकों से भी इस्तीफा दिलाएंगे। इससे चांडी सरकार खतरे में पड़ सकती है।