न्यूयार्क, 4 मार्च (आईएएनएस)। माइक्रो-ब्लागिंग साइट ट्विटर कैंसर संबंधी जागरूकता को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक प्रभावी उपकरण साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है।
न्यूयार्क, 4 मार्च (आईएएनएस)। माइक्रो-ब्लागिंग साइट ट्विटर कैंसर संबंधी जागरूकता को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक प्रभावी उपकरण साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है।
पेसिंल्वेनिया के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन से मीना एस.स्रेडक और साथी शोधार्थियों ने एक प्रारंभिक अध्ययन कर 1,516 ट्वीट का विश्लेषण किया।
शोधार्थियों ने अपने अध्ययन में पाया कि जनवरी 2015 मेंलगभग दो सप्ताह की अवधि में फेंफड़ों के कैंसर से संबंधित 15 हजार 346 ट्वीट किए गए।
निष्कर्षो के अनुसार, इस नमूने के 83 प्रतिशत (1,516 में 1,260) ट्वीट फेफड़ों के कैंसर की जानकारी और रोकथाम के बारे में थे।
इस शोध में कहा गया है, “सोशल मीडिया क्लिनिकल शोधकर्ताओं के लिए एक बहुत उपयोगी उपकरण हो सकता है लेकिन इसमें गैर-आक्रामक सामग्री और गोपनीयता के आश्वासन संबंधी चुनौतियां भी शामिल हैं। जिस पर आईआरबी (संस्थागत समीक्षा बोर्ड) को सावधानी से विचार करने की आवश्यकता होगी।”
आईआरबी अमेरिका की एक समिति है जो चिकित्सा अनुसंधान संबंधी मामलों में अहम भूमिका निभाती है।
उन्होंने कहा, “हमें भविष्य में इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है किट्विटर चिकित्सीय परीक्षणों के प्रसार-प्रचार के लिए शक्तिशाली माध्यम बन सके।”
यह शोध पत्रिका ‘जेएएमए ओन्कोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।