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कॉरपोरेट जासूसी : दो आरोपी पुलिस हिरासत में

नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। कॉरपोरेट जासूसी मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार दो लोगों की पुलिस हिरासत को गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 21 मार्च तक के लिए बढ़ा दी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश एस.सी.राजन ने जांच एजेंसी को चार्टर्ड अकाउंटैंट खेमचंद गांधी तथा निजी कंपनी चिताले एसोसिएट्स में साझीदार परेश चिमनलाल बुद्धदेव से 21 मार्च तक पूछताछ की अनुमति दे दी।

सीबीआई ने रिलायंस इंडिया लिमिटेड (आरआईएल) के उपाध्यक्ष (वित्त) के.वी.मोहनन तथा कानूनी परामर्श देने वाली मुंबई की कंपनी चिताले एसोसिएट्स के राजेंद्र चिताले को मामले में संदिग्ध आरोपी बनाया है।

जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि गांधी तथा बुद्धदेव से पूछताछ से बड़ी साजिश का खुलासा करने में मदद मिलेगी, क्योंकि मामले में विभिन्न लोगों को ढेर सारे पैसे दिए गए हैं और एजेंसी उनकी पहचान करने में लगी है।

इसी बीच, अदालत ने चार सरकारी अधिकारियों अशोक कुमार सिंह, लाला राम शर्मा, दलजीत सिंह तथा राम निवास को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सभी छह आरोपियों को विभिन्न मंत्रालयों से सरकारी गोपनीय दस्तावेजों की चोरी तथा उन्हें बेचने के मामले में अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

इस मामले में फरार चल रहे औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) में उच्च श्रेणी लिपिक दलजीत सिंह को यहां उसके ठिकाने से सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि दलजीत गोपनीय दस्तावेजों को वित्त मंत्रालय के अपने समकक्षों को उपलब्ध करा रहा था, जो बाद में उसे मुंबई के एक चार्टर्ड अकाउंडटेंट को दे देता था।

उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को सीबीआई ने एक मामला दर्ज कर आठ जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान विभिन्न मंत्रालय के कार्यालयों, नई दिल्ली तथा मुंबई के निजी प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के बाद विनिवेश तथा शिकायत विभाग के उपसचिव अशोक कुमार सिंह तथा आर्थिक मामलों के विभाग के सेक्शन ऑफिसर लाला राम शर्मा को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान चार्टर अकाउंटैंट खेमचंद गांधी को मुंबई से गिरफ्तार किया था।

जांचकर्ताओं ने कहा कि दलजीत वाणिज्य मंत्रालय के दस्तावेजों को अशोक कुमार और लाला राम शर्मा को देता था, जो बाद में उसे खेमचंद गांधी को दे देते थे।

सीबीआई ने 13 मार्च को दो और लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें वित्त मंत्रालय के अधीन विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) में सहायक राम निवास तथा दूसरा एक निजी कंपनी चिताले एसोसिएट्स का साझेदार परेश चिमनलाल बुद्धदेव था।

जांच एजेंसी ने इस मामले में बहुराष्ट्रीय कंपनी प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की संलिप्तता का भी खुलासा किया है, जो कर व परामर्श सेवा प्रदान करती है, जिसकी जांच की जा रही है।

पीडब्ल्यूसी प्राइवेट लिमिटेड ने एक बयान में कहा, “हमारे ग्राहक द्वारा एफआईपीबी आवेदन दाखिल करने के सिलसिले में हमारे प्रबंधक ने सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात की है। हमसे जो आवश्यक स्पष्टीकरण मांगा गया था, उसे उपलब्ध करा दिया गया है।”

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