नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग 11 और 12 अप्रैल को एनएएससी/एनएएएस परिसर, आईसीएआर, नई दिल्ली में ‘खरीफ अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है।
सम्मेलन के दौरान इन चारों प्रमुख क्षेत्रों को कवर करने वाले 13 तकनीकी समूह चर्चा सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक क्षेत्र की सिफारिशों को सम्मेलन के दूसरे दिन अंतिम रूप दिया जाएगा और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
पहली बार कृषि, बागवानी, पशुपालन और डेयरी तथा ऋण, सहकारिता एवं विपणन, चारों प्रमुख क्षेत्रों के सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों को खरीफ, 2016 की कार्यनीति को अंतिम रूप देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह दोनों कृषि राज्य मंत्रियों डॉ. संजीव बालियान और एम.के. कुंदरिया, की उपस्थिति में करेंगे।
खरीफ अभियान, 2016 कम, असमान और असमय बारिश, ओला वृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण नमी के दबाव के कारण फसलों को हाल में पहुंचे नुकसान के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले खरीफ मौसम के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून बहुत कमजोर रहा था, जिसकी वजह से देश भर में बारिश में 14 प्रतिशत की कमी रही।
रबी, 2015-16 में भी मानसून के बाद और सर्दियों में कम बारिश हुई तथा मिट्टी में नमी बहुत कम रही। इन स्थितियों को देखते हुए आने वाले खरीफ के मौसम के लिए कार्यनीति तैयार करने की आवश्यकता है।
सरकार द्वारा अगले छह वर्षो में किसानों की आमदनी दोगुनी होने संबंधी घोषणा की पृष्ठभूमि में खरीफ अभियान 2016 में निरूपित की जाने वाली कार्यनीति बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि और संबंधित क्षेत्रों से संबंधित मसलों को ज्यादा समग्रता के साथ सुलझाने के लिए खेती-बाड़ी के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
उर्वरक, जल संसाधन, भू-संसाधन और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के समस्त तीन विभागों जैसे विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, साथ ही साथ अनुसंधान संस्थानों, नाबार्ड, स्वायत्त संस्थानों जैसे एसएफएसी, एनएएफईडी, एनएचबी के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें भाग लेंगे।
पिछले फसल मौसम के प्रदर्शन की समीक्षा, आगामी खरीफ मौसम के लिए फसल उत्पादन कार्यनीति के निरूपण, कृषि उपयोग में आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और कृषि और संबंधित क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों पर प्रकाश डालने की दिशा में यह सम्मेलन सहायक साबित होगा।