नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आपने अपने पड़ोस के मॉल में किसी कोने पर कृत्रिम वास्तविकता (वीआर) स्टेशनों को जरूर देखा होगा, जहां बच्चे सिर में एक डिवाइस (एचएमडी) पहनकर आभासी दुनिया का अनुभव लेते हैं।
नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आपने अपने पड़ोस के मॉल में किसी कोने पर कृत्रिम वास्तविकता (वीआर) स्टेशनों को जरूर देखा होगा, जहां बच्चे सिर में एक डिवाइस (एचएमडी) पहनकर आभासी दुनिया का अनुभव लेते हैं।
भारतीय ग्राहकों के लिए अब तक बुनियादी 360 डिग्री वीआर अनुभव केवल उन स्टेशनों या स्मार्टफोन के साथ बेचे जानेवाले हेडगेयर (एचएमडी) के इस्तेमाल तक सीमित था। लेकिन इनमें से ज्यादातर हेडगेयर अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं, यहां तक कि वीआर डेवलपरों का लक्ष्य अभी भी उच्च गुणवत्ता के वीआर गेम्स विकसित कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करना बना हुआ है।
वीआर प्रौद्योगिकी बाजार में दो-तीन साल पहले ही आ चुकी है, लेकिन बड़े पैमाने पर वीआर को लोकप्रियता अभी तक नहीं मिली है। चाहे वह ग्राहक के स्तर पर हो या कंपनियों के स्तर पर हो, धीरे-धीरे इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है।
इसी बीच उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि संवर्धित वास्तविकता (एआर) वाली प्रौद्योगिकी और डिवाइसेज वीआर से कहीं ज्यादा लोकप्रिय होंगे। क्योंकि वीआर की तरह इसमें यूजर वास्तविक दुनिया से पूरी तरह से कटते नहीं हैं।
इंटरनेशल डेटा कार्पोरेशन (आईडीसी) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में दुनिया भर में एआर/वीआर पर कुल 17.8 अरब डॉलर का खर्च किया जाएगा, जो 2017 में किए गए 9.1 अरब डॉलर के खर्च से 95 फीसदी अधिक है।
फोर्रेस्टर के उपाध्यक्ष और मुख्य विश्लेषक थॉमस हसन ने बताया, “वीआर और एआर बाजार के नियमों को बदलकर रख देने वाली प्रौद्योगिकी है, लेकिन उन्हें अभी फैलने में कई साल लगेंगे। ‘पोकमैन गो’ के क्रेज के साथ एआर को लेकर साल 2016 में काफी चर्चा थी और वीआर के बारे में फेसबुक ने कहा किया यह अगला बड़ा कंप्यूटिंग प्लेटफार्म साबित होगा।”
हालांकि अभी तक स्मार्टफोन दिग्गज एप्पल एआर/वीआर बाजार में हलचल मचाने में नाकाम रही है। कंपनी ने आईओएस 11 के साथ एक नया फ्रेमवर्क जारी किया था, जो डेवलपरों के लिए आईफोन और आईपैड में एआर अनुभव मुहैया करने के लिए एप बनाने के लिए था।
गूगल ने भी एक नया सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (एसडीके) जारी किया है जिसे ‘एआर कोड’ नाम दिया गाय है, जो वर्तमान और भविष्य के एंड्रायड फोन्स में एआर क्षमता लाती है।