नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्रालय को कथित सीएनजी फिटनेस घोटाले में दिल्ली सरकार की जांच को ‘अवैध’ करार देने का अधिकार नहीं है। यह बात बुधवार को दिल्ली सरकार ने कही है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने करोड़ों रुपये के इस कथित घोटाले की जांच को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार न तो गृहमंत्रालय का ‘अधीनस्थ विभाग’ है और न ही इसके प्रति ‘जवाबदेह’ है।
सिसोदिया ने पत्र में लिखा, “संविधान के तहत गृहमंत्रालय के पास दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के किसी भी आदेश को निर्थक घोषित करने का अधिकार नहीं है।”
उन्होंने लिखा, “जीएनसीटीडी के किसी भी आदेश को निर्थक और अमान्य करार देने का अधिकार सिर्फ न्यायपालिक को है।”
सिसोदिया ने पत्र में कहा है, “गृह मंत्रालय न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण करता दिख रहा है।”
सीएनजी फिटनेस घोटाला 2012 में सामने आया था। भ्रष्टाचार निरोधी शाखा(एसीबी) की जांच में खुलासा हुआ था कि दिल्ली सरकार को बुराड़ी स्थित परिवहन प्राधिकरण कार्यालय में सीएनजी वाहनों की जांच एवं प्रमाणन के संचालन का ठेका ईएसपी यूएस के बजाय ईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में हुई कथित अनियमितता के कारण 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।