नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। ग्रीस में रविवार को हुए जनमत संग्रह के बाद सरकार ने सोमवार को कहा कि वह ग्रीस के घटनाक्रम और बाजार में यूरो की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। ग्रीस के लोगों ने मतदान के द्वारा कर्जदाताओं के मितव्ययिता प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिससे ग्रीस के यूरोजोन से बाहर निकलने की संभावना पैदा हो गई है।
वित्त सचिव राजीव महर्षि ने यहां कहा, “हमें देखना है कि यूरो अब किस दिशा में बढ़ता है। हम ग्रीस की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “ग्रीस संकट का परोक्ष असर भारत पर पड़ सकता है।”
ग्रीस के करीब 60 फीसदी नागरिकों ने रविवार को मतदान में कर्जदाताओं के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। कर्जदाताओं ने ग्रीस को और कर्ज देने के लिए ग्रीस सरकार से मितव्ययिता अपनाने का प्रस्ताव रखा था।
महर्षि ने गत सप्ताह ग्रीस संकट के भावी असर के बारे में कहा था कि इससे पूंजी देश से निकल सकती है और स्थिति से निपटने के लिए सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के संपर्क में है।
उद्योग जगत का मानना है कि यदि यूरोप का संकट बढ़ेगा, तो उससे भारत भी प्रभावित होगा।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने यहां एक बयान में कहा, “चिंता की बात यह है कि इस साल भारत के निर्यात की स्थिति बेहतर नहीं है और यूरोप में संकट बढ़ने से निर्यात और घट सकता है।”
देश का निर्यात लगातार घटते हुए मई में 20 फीसदी गिरावट के साथ 22.35 अरब डॉलर का रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 27.99 अरब डॉलर था।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) ने चेतावनी दी है कि निर्यात में लगातार गिरावट से कंपनियों में छंटनी की समस्या पैदा हो सकती है और देश के चालू खाता घाटा पर दबाव बढ़ सकता है।