लेकिन अब 45 वर्षीय किसान अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचा करते हैं। वे बताते हैं, “अब न सिर्फ मेरे सारे उत्पाद बिक जाते हैं, बल्कि बेहतर कीमत भी मिलती है।”
लियू यूएशी जिले से दो घंटों की दूरी पर स्थित ताइपेंग गांव में रहते हैं। अतीत में वे खरीदारों का इंतजार करते थे और कई बार खरीदार नहीं मिलने से उनके पास अपने फलों को खेत में ही छोड़ देने के अलावा कोई चारा नहीं होता था।
इस साल ताइपेंग जिले में एक ई-कॉमर्स केंद्र स्थापित हुआ, जिससे 300 से ज्यादा किसानों को अपने उत्पाद बेचने में मदद मिली। हर साल यहां से 7,500 किलो ग्राम तोरई की ब्रिकी होती है।
चीन के इंटरनेट इंफरेरमेशन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 के अंत तक चीन में कुल 68.8 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें 19.5 करोड़ लोग गांवों के हैं जो कुल प्रयोक्ताओं का 28.4 फीसदी है।
चीन में हाल के सालों में ग्रामीण ई-कॉमर्स में काफी तेजी देखने को मिली है। इससे न सिर्फ किसानों को अपने उत्पादों को बेचने का मौका मिलता है, बल्कि वे खाद और बीज समेत कई सारी जरूरी चीजें ऑनलाइन खरीद पा रहे हैं।