इस बाजार की शुरुआत उत्तरी चीन के अंदरुनी मंगोलिया स्वायत्तशासी क्षेत्र में मार्च 2014 में की गई थी। उस साल इस बाजार में 35,000 टन दुर्लभ धातुओं का कारोबार हुआ था जिसकी कुल कीमत 5.6 अरब यूआन थी। इस बाजार में 100 से भी ज्यादा दुर्लभ धातु कंपनियों और दलालों ने अपना खाता खोला है। देश की सबसे बड़ी दुर्लभ धातु निर्माता नार्थ रेयर अर्थ ग्रुप कंपनी लिमिटेड ने 12 दूसरी कंपनियों और संस्थानों के साथ मिलकर इस बाजार की शुरुआत की है।
दुर्लभ धातु बाओटोऊ शोध संस्थान के शोधार्थी यांग झेनफेंग बताते हैं, “इस व्यापार बाजार से देश के दुर्लभ धातु बाजार को विनियमित करने में और दुर्लभ धातुओं की कीमतों को निर्धारित करने के तरीके में सुधार हुआ है।”
दुर्लभ धातुओं का प्रयोग मुख्य रूप से उच्च तकनीक वाले उत्पादों में किया जाता है, जिनमें मुख्य रूप से स्मार्टफोन, पवनचक्की और कार की बैटरी से लेकर मिसाइल तक शामिल हैं।