रायपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 16 वर्षीय संदीप कुमार कविराज ने अपने अपने पिता को खतरनाक भारी भरकम भालू के हमले से बचाया। संदीप की इस बहादुरी पर राज्यपाल उसे 26 जनवरी को राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
रायपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 16 वर्षीय संदीप कुमार कविराज ने अपने अपने पिता को खतरनाक भारी भरकम भालू के हमले से बचाया। संदीप की इस बहादुरी पर राज्यपाल उसे 26 जनवरी को राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
संदीप के साहस की प्रशंसा करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग और कलेक्टर बलरामपुर ने राज्य वीरता पुरस्कार के लिए अनुशंसा की।
संदीप कविराज के पिता दिलीप कुमार कविराज निवासी ग्राम धनगांव 10 जून, 2015 को प्रतिदिन की तरह अपनी गायों को लेकर जंगल की ओर जा रहे थे, जैसे ही वह गांव के खुटिया नाला के पास पहुंचे उनकी सभी गायें इधर-उधर भागने लगीं। गायों को इधर-उधर भागते देख दिलीप कुमार परेशान हो गए और वह भी गायों के पीछे भागने लगे। तभी पास की झाड़ियों से एक भारी भरकम भालू ने दिलीप पर पीछे से हमला कर दिया।
भालू के अचानक हमले से दिलीप चिल्लाने लगे और अपने बचाव के लिए प्रयास करने लगे। दिलीप की चिल्लाने की आवाज सुनकर उनका 16 वर्षीय बेटा संदीप कविराज वहां पहुंचा तो देखा कि उसकेपिता दिलीप कुमार कविराज लहूलुहान हालत में जमीन पर पड़े थे। भालू उसके पिता के दाएं पैर को काटते हुए उसे नोंच रहा था। संदीप इस घटना से डरा नहीं, बल्कि वह पास ही पड़ी हुई अपने पिता की कुल्हाड़ी से भालू की पीठ पर लगातार वार करने लगा।
कुल्हाड़ी की वार से भालू संदीप पर झपटा, किंतु संदीप पूरी हिम्मत से भालू से भिड़ गया। कुल्हाड़ी की लगातार वार से भालू घायल होकर झाड़ियों में छिप गया। तब तक घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो चुके थे।
ग्रामीणों के साथ मिलकर संदीप दोबारा भालू पर वार करने झाड़ियों के पास पहुंचा। झाड़ियों के पास पहुंचा तो भालू की मौत हो चुकी थी। साहसी बालक संदीप ने अपनी सूझ-बूझ और हिम्मत से अपने पिता की जान बचा ली। घायल दिलीप कविराज को बलरामपुर के अस्पताल में दाखिल कर इलाज कराया गया।
वहीं राज्यपाल बलरामजी दास टंडन गणतंत्र दिवस को राज्य वीरता पुरस्कार के चयनित बच्चों को रायपुर के पुलिस मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में नगद पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित करेंगे। पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में कई और भी नाम शामिल हैं।