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छग : विशेष पिछड़ी जनजातियों को 6 माह में जाति प्रमाणपत्र

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनके विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर तत्परता से अमल करते हुए मंत्रालय (महानदी भवन) से कल 22 जनवरी को परिपत्र जारी किया है, जिसमें समस्त संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को यह कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिन विशेष पिछड़ी जनजातियों को ये प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे, उनमें पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया, पंडो और भुंजिया समुदाय शामिल हैं। इन समुदायों के कुल 44 हजार 311 परिवार राज्य के विभिन्न आदिवासी बहुल जिलों में निवास कर रहे हैं। इन परिवारों के सदस्यों की संख्या लगभग एक लाख 94 हजार 70 है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में अपनी सरकार की स्थापना के 12 साल और तीसरे कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर पिछले महीने की 12 तारीख को राजधानी रायपुर में इन विशेष पिछड़े आदिम समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 11 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें उन्हें जाति और निवास प्रमाणपत्र दिए जाने की घोषणा भी शामिल हैं।

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी परिपत्र में बताया गया है कि आदिम जाति विकास विभाग के निर्देशों के अनुरूप राजस्व विभाग द्वारा इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के सदस्यों को अगले दो साल में अर्थात वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में शत-प्रतिशत जाति और निवास प्रमाणपत्र जारी किया जाना है।

परिपत्र में संभागीय कमिश्नरों को इस कार्य की प्रगति की निरंतर समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कार्य अगले छह महीने में पूरे हो जाएं।

आदिम समुदायों में से पहाड़ी कोरवा समुदाय के नौ हजार 67 परिवार सरगुजा, जशपुर, कोरबा और बलरामपुर-रामानुजगंज जिलों में निवास करते हैं। इनकी आबादी बिरहोर समुदाय के 800 परिवार रायगढ़, जशपुर, बिलासपुर और कोरबा जिलों के 82 गांवों में रहते हैं। अबूझमाड़ की जनजाति के तीन हजार 895 परिवार नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के 201 गांवों में निवास करते हैं। कमार जनजाति के पांच हजार 542 परिवार गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद और कांकेर जिलों के 429 गांवों में रहते हैं।

इसी तरह बैगा जनजाति के 16 हजार 675 परिवार कबीरधाम, बिलासपुर, कोरिया, राजनांदगांव और मुंगेली जिलों के कुल 522 गांवों में रहते हैं। पंडो जनजाति के परिवारों की संख्या छह हजार 746 है, जो सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों के 363 गांवों में निवास करते हैं। भुंजिया जनजाति के 1606 परिवार गरियाबंद और धमतरी जिलों के 106 गांवों में निवास कर रहे हैं।

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