आईजी जी.पी. सिंह और एएसपी (क्राइम) अजातशत्रु बहादुर सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में बताया कि इसी वर्ष फरवरी व मार्च की शुरुआत में एक अज्ञात मोबाइल धारक ने छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से उनके दायित्व के विभाग में मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियों को फोन लगाकर संबंधित बैंक खाता में दो लाख रुपये जमा कराने तथा मोबाइल नंबर पर पांच-पांच हजार रुपये का रिचार्ज कराने के लिए कहा।
मामले की तफ्तीश करने पर पाया गया कि अज्ञात व्यक्ति संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के नाम व पद का दुरुपयोग कर रहा है। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह तथ्य पुलिस महानिरीक्षक (रायपुर रेंज) व एसपी के संज्ञान में लाया। इस पर तत्काल संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा।
क्राइम ब्रांच की टीम ने उस मोबाइल नंबर को ट्रेस किया, जिसमें पता चला कि वह नंबर बिहार के मुजफ्फपुर जिले से आपरेट हो रहा है। टीम विस्तृत जानकारी एकत्र करने मुजफ्फरपुर पहुंची। जब टीम वहां पहुंची तो पता चला कि उस नंबर का लोकेशन खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार (मुजफ्फरपुर) चिह्न्ति हो रहा था।
टीम ने जेल के अधिकारियों से भी संपर्क कर वहां के एक कैदी का कारनामा बताया। जेल प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि मुजफ्फरपुर के थाना मिठनपुरा क्षेत्र में हुए एक अपराध का आरोपी गया निवासी रंजन कुमार मिश्रा (30) पिता राम नरेश मिश्रा इस तरह का अपराध करता है और वह ऐसे ही मामले में जेल में निरुद्ध है।
इसके बाद छत्तीसगढ़ क्राइम ब्रांच की टीम ने मुजफ्फरपुर में न्यायालय से अनुमति के बाद कारागार में रंजन कुमार मिश्रा से गहन पूछताछ की। पहले तो आरोपी ने गुमराह किया, मगर कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपी रंजन कुमार मिश्रा ने टीम को बताया कि वह इंटरनेट के माध्यम से संबंधित विभाग व उनके अधिकारियों के मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेता था। उसके बाद संबंधित मैदानी अमले के अफसरों को फोन लगाकर वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से आदेश देकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था।
आईजी ने बताया कि मुजफ्फरपुर जेल से आरोपी के पास से अपराध में प्रयुक्त सिम व मोबाइल जब्त किया। जेल प्रबंधन ने आरोपी के विरुद्ध अलग से कार्यवाही संस्थित करने की बात कही है।
आईजी ने बताया कि आरोपी रंजन कुमार मिश्रा के खिलाफ उत्तरप्रदेश के मेरठ, बिहार के पटना व मुजफ्फरपुर, मध्यप्रदेश के बैतूल में भी धोखाधड़ी के आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।