छविंद्र और पूर्व सलवा जुडूम आंदोलन के दो प्रमुख चेहरों- चैतराम अत्तामी और सुखदेव ताती ने विकास संघर्ष समिति बनाई थी, जिसके तहत उन्होंने बस्तर के विकास के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष करने की योजना बनाई थी।
छविंद्र कर्मा ने कहा कि इस अभियान को सलवा जुड़ूम दो का रूप देकर प्रचार किया था, लेकिन किन्हीं कारणवश इसे स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे क्या रूपरेखा तय करनी है, इस संबंध में 25 मई को आयोजित बैठक में चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि छविंद्र कर्मा के सलवा जुड़ूम अभियान फिर से शुरू करने के लिए रणनिति बनाई थी, जिसको लेकर बस्तर में भारी विरोध शुरू हो गया है।
नक्सली जहां गांव-गांव में बैठकें लेकर और पोस्टर-बैनर के माध्यम से इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं भाजपा, कांग्रेस, भाकपा एवं आप पार्टी ने इसके औचित्य को सिरे से नकार दिया है। इधर, कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेताओं- प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं हरिप्रसाद ने भी इसे हरी झंडी देने से इंकार कर दिया है।