नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। विपक्षी कांग्रेस और जनता दल युनाइटेड (जद-यू) ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार की राज्यसभा में आलोचना की।
राज्यसभा में कांग्रेस की सदस्य कुमारी शैलजा ने कहा कि जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा में हुई हिंसा केंद्र और राज्य सरकार की घोर विफलता थी।
लेकिन, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अवकाश प्राप्त पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक जांच आयोग का गठन कर दिया गया है जो सभी तरह की चूकों की जांच कर रहा है।
राजनाथ ने कहा, “हम लोगों को आयोग की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी चाहिए।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि हरियाणा में जाट आंदोलन के संबंध में पूर्व खुफिया सूचना थी और केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को इस बारे में सतर्क भी किया था।
इस पर शैलजा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के जवाब से ही सरकार की विफलता स्पष्ट हो गई है।
कुमारी शैलजा का समर्थन करते हुए जद-यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि सिर्फ यह कहना कि जांच आयोग गठित कर दिया गया है, जवाबदेही से भागने जैसा है।
लेकिन, राजनाथ सिंह विपक्ष से सहमत नहीं दिखे और कहा कि यह गंभीर मसला है और हरियाणा में इस समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब सभी पक्ष मिलकर काम करेंगे।
गत महीने हरियाणा सरकार ने अवकाश प्राप्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में एक जांच आयोग का गठन किया जो जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान हिंसा रोकने के लिए तैनात किए गए अधिकारियों की चूकों का पता लगाएगा। आयोग अपनी रिपोर्ट अगले महीने सुपुर्द करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रकाश सिंह आयोग के अलावा हरियाणा सरकार ने पीड़ितों को मुआवजे के लिए एक आधिकारिक पैनल भी बनाया है।