तुषार वाघेला ने बताया कि ओह्य पिस्त फेस्टिवल 16 से 24 सितंबर तक चलेगा। यह एक्सपेरिमेंटल सिनेमा का महत्वपूर्ण फेस्टिवल माना जाता है। इसका आयोजन फ्रांस सरकार के विश्व प्रसिद्ध संग्रहालय सेंटर पम्पिडू द्वारा किया जाता है।
वहीं 28 सितंबर से 2 अक्टूबर मैक्सिको के प्यूब्ला शहर में सिनेटेक्टोन फेस्टिवल में किया जाएगा। सिनेटेक्टोन को सिनेमा और वास्तुकला का महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव माना जाता है। इसमें देश विदेश से फिल्कारों, आर्किटेक्ट तथा फिल्म निमार्ताओं को आमंत्रित किया जाता है।
इस वर्ष फेस्टिवल की थीम शहरी लचीलापन तथा पर्यावरण, सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक परिवर्तन पर शहरों की लचीले ढंग से प्रतिक्रिया करने की क्षमता है।
वाघेला ने बताया कि ‘द होम’ का विषय बहुत ही गहराई लि, हुए है। इसका चित्रण और ध्वनि प्रभाव बहुत ही प्रायोगिक है और यही वजह है कि इसे इन महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सवों में शामिल किया जा रहा है।
तुषार इस फिल्म के विषय में कहते हैं कि पृथ्वी पर केवल मनुष्य का ही एकाधिकार नहीं है। पशु-पक्षी एवं जीव-जंतु मनुष्य निर्मित सीमाओं को नहीं मानते, प्रवासी पक्षी हर वर्ष लाखों मील की यात्रा एवं कई देशों की सीमाएं पार कर एक जगह से दूसरी जगह अपने प्रवास या घरों में जाते हैं। कोई देश या सीमाएं उन्हें रोक नहीं पाती है।
तुषार वाघेला छत्तीसगढ़ के प्रमुख फिल्मकार और विजुअल आर्टिस्ट हैं। छत्तीसगढ़ अब तक पिछड़ा, नक्सल हिंसा-ग्रस्त राज्य ही माना जाता रहा है, पर तुषार वाघेला अपनी कलात्मक प्रायोगिक फिल्मों एवं वीडियो आर्ट, से इस राज्य का प्रतिनिधित्व कर पूरी दुनिया में इसकी नकारात्मक छवि को तोड़ते हुए इसका एक नया ही चेहरा पेश कर रहे हैं।
तुषार ने एक्सपेरिमेंटल सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई है, वह विशेष तरह की प्रायोगिक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने फिल्म निर्माण के इस मिथक को धराशायी कर दिया है कि फिल्म निर्माण केवल भारी-भरकम उपकरण, तकनीक और धन के बल पर ही किया जा सकता है।