नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। कर विशेषज्ञों ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को सलाह दी है कि जीएसटी कानून बन जाने के बाद इसका प्रशासन राज्यों के राजस्व अधिकारियों को दिया जाए, न कि केंद्रीय राजस्व अधिकारियों को।
ऑल इंडिया टैक्स एडवोकेट्स ने कहा कि चूंकि राज्यों के अधिकारियों की पहुंच और विविध कर कानूनों के प्रशासन में उनकी विशेषज्ञता अधिक होती है, इसलिए वे इस काम के लिए अधिक उपयुक्त हैं।
जेटली को भेजे गए पत्र में फोरम ने सलाह दी है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा की तर्ज पर प्रभावी कर प्रशासन के लिए एक अलग अखिल भारतीय वाणिज्यिक कर सेवा स्थापित की जाए।
विधेयक अभी सत्तापक्ष को समुचित समर्थन के अभाव में राज्यसभा में अटका हुआ है। यह मई में लोकसभा में पारित हो चुका है।
फोरम अध्यक्ष एम.के. गांधी ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) को सिर्फ विनिर्माण मामलों की बारीकियों की जानकारी होती है और व्यापार मामलों की उन्हें उतनी जानकारी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि इसलिए जीएसटी प्रशासन सीबीईसी अधिकारियों को सौंपने में नुकसान है।