Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 ‘जीका विषाणु’ से जुड़ी खास बातों का रखें ध्यान | dharmpath.com

Sunday , 15 June 2025

Home » विश्व » ‘जीका विषाणु’ से जुड़ी खास बातों का रखें ध्यान

‘जीका विषाणु’ से जुड़ी खास बातों का रखें ध्यान

न्यूयार्क, 29 जनवरी (आईएएनएस)। लैटिन अमेरिका के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका ‘जीका विषाणु’ एक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। यह विषाणु मच्छरों के काटने से फैलता है, जो प्रशांत क्षेत्र में पहली बार साल 2007, साल 2013 (याप और फ्रेंच पॉलिनेशिया) और साल 2015 में अमेरिका (ब्राजील और कोलंबिया) और अफ्रीका (केप वरदी) में सामने आया था।

वर्तमान में अमेरिका के 22 देश जीका विषाणु के संक्रमण से प्रभावित हैं। यह इसके तेजी से बढ़ते भौगोलिक क्षेत्र का संकेत है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इससे बचाव के लिए उपाय सुझाए हैं। यहां आपको बताते हैं इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।

– जीका विषाणु एडीस मच्छरों के काटने से फैलता है।

– जीका विषाणु के संक्रमित व्यक्ति में हल्का बुखार, त्वचा पर चकत्ते और आंखों में जलन संबंधी परेशानी होती है।

– जीका विषाणु के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है, मच्छरों से बचाव।

– अफ्रीका, एशिया, अमेरिका और प्रशांत क्षेत्रों में इस विषाणु के फैलने की जानकारी मिली है।

लक्षण – जीका विषाणु से संक्रमित होने पर बुखार, त्वचा पर चकत्ते और आंखों में जलन, मांसपेशी और जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है। यह लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं।

संक्रमण – जीका विषाणु एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह मुख्य रूप से एडीस एजिप्टी से फैलता है। यही मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और पीत ज्वर के लिए जिम्मेदार होता है।

निदान- जीका विषाणु का पता लगाने के लिए पॉलिमीरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) और रक्त के नमूनों से विषाणु की जांच की जाती है।

रोकथाम- मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढंक कर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें। इसके अलावा, कीड़ों से बचाने वाली क्रीम और मच्छरदानी का उपयोग करें।

– मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें।

चिकित्सा- वर्तमान में इसका कोई विशिष्ट इलाज और टीका उपलब्ध नहीं है। जीका विषाणु से संक्रमण से संबंधित लक्षण नजर आने पर दर्द और बुखार की सामान्य दवाइयों के साथ अधिक से अधिक तरल पदार्थो का सेवन और भरपूर आराम करना चाहिए।

– डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

‘जीका विषाणु’ से जुड़ी खास बातों का रखें ध्यान Reviewed by on . न्यूयार्क, 29 जनवरी (आईएएनएस)। लैटिन अमेरिका के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका 'जीका विषाणु' एक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। यह विषाणु मच्छरों के काटने से फै न्यूयार्क, 29 जनवरी (आईएएनएस)। लैटिन अमेरिका के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका 'जीका विषाणु' एक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। यह विषाणु मच्छरों के काटने से फै Rating:
scroll to top