न्यूयॉर्क, 27 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक विशेष जीन का पता लगाया है, जो तनाव व सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोगों से जुड़ा है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस जीन का नाम ‘गोमाफू’ है, जिससे यह बात समझने में मदद मिलेगी कि तनावपूर्ण अनुभवों से हमारा मस्तिष्क किस प्रकार प्रतिक्रिया करता है।
अमेरिका के इरविन स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में न्यूरोबायोलॉजी व बिहेवियर के सहायक प्रोफेसर टिमोथी ब्रेडी ने कहा, “जब गोमाफू काम करना बंद कर देता है, तब स्वभाव में कुछ बदलाव आता है, जो चिंता तथा सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोगों में देखा जाता है।”
यह जीन लंबा है और मूल रूप से नॉन कोडिंग डीएनए है।
ब्रेडी ने कहा, “पहले जीव विज्ञानी यह सोचते थे कि नॉन कोडिंग डीएनए हमारे विकास के इतिहास का अवशेष है, लेकिन वास्तविक तथ्य तो यह है कि डीएनए का यह हिस्सा बेहद गतिशील और हम पर गहरा प्रभाव डालता है।”
ब्रेडी तथा सिडनी स्थित क्वींसलैंड विश्वविद्यालय व गार्वन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के उनके सहयोगियों ने शोध के दौरान पाया कि नॉन कोडिंग जीन जैसे गोमाफू एक शक्तिशाली निगरानी प्रणाली का नेतृत्व करता है, जो इसलिए विकसित हुआ है, ताकि वह वातावरण में होने वाले बदलाव पर त्वरित प्रतिक्रिया दे सके।
यह अध्ययन पत्रिका ‘बायोलॉजिकल साइकेट्री’ में प्रकाशित हुआ है।