नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। एक संसदीय समिति ने भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक तवांग तक सड़क मार्ग से संपर्क न होने के कारण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की जमकर आलोचना की।
समिति ने कहा कि युद्ध छिड़ने की स्थिति में भारतीय सेना वहां तक एक दिन में पहुंच ही नहीं सकती, जबकि पड़ोसी देश को पहुंचने में मात्र कुछ देर लगेंगे।
अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिला तवांग उन कुछ इलाकों में है, जिन पर चीन अपना दावा ठोकता है।
रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा है, “यह निराशाजनक है कि तवांग में स्थिति बेहद गंभीर है, यहां तक कि संपर्क भी चिंता का विषय बना हुआ है।”
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा पड़ोसी देश वहां मात्र दो से तीन घंटे में पहुंच सकता है, जबकि हमारी सेना को वहां पहुंचने में एक दिन से भी अधिक समय लग जाएगा। यह रक्षा को लेकर हमारी तैयारियों के मद्देनजर गंभीर चिंता का विषय है।”
समिति ने तवांग इलाके में ‘अच्छी गुणवत्ता वाले सड़क का निर्माण प्राथमिकता के तौर पर किए जाने’ की सिफारिश की है।
समिति का यह भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच सेना की गतिविधि और सैन्य उपकरणों के वहन में तेजी लाना बेहद जरूरी है।
इसके अलावा समिति ने दोनों क्षेत्रों के बीच न्येमो-पदुम-दारचा होते हुए संपर्क मार्ग निर्मित करने की सिफारिश भी की है।