एर्दोगन ने कहा कि 15 जुलाई को सैन्य तख्तापलट की कोशिश के बाद लगाई गई तीन महीने की आपातकाल की स्थिति पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि तुर्की को गुलेन समर्थकों और कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के आतंकवादी संगठनों को समाप्त करने के लिए अधिक समय की जरूरत है।
गौरतलब है कि फेतुल्लाह गुलेन को 15 जुलाई को हुए सैन्य तख्तापलट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आपातकाल की स्थिति से देश में दैनिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होगी।
तुर्की संविधान के मुताबिक, देश में आपातकाल अधिकतम छह महीने तक प्रभावी रह सकता है।