नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। चुनाव आयोग की पूर्ण बैठक से पहले, मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने शुक्रवार को तेलंगाना में चुनाव, अन्य चार राज्यों के साथ दिसंबर में कराने के संकेत दिए हैं।
उन्होंने हालांकि कहा कि यदि अन्य राज्य भी जल्द चुनाव कराने का निर्णय करते हैं, तो लॉजिस्टिक की मुश्किलों को देखते हुए यह काफी मुश्किल होगा।
रावत ने गुरुवार को तेलंगाना विधानसभा के भंग होने के बाद जल्द चुनाव करवाने की मांग पर मीडिया से कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सदन के भंग होने की स्थिति में, चुनाव पहले ही कराए जाने चाहिए, क्योंकि कार्यवाहक सरकार को कार्यभार संभालने और लाभ लेने नहीं दिया जा सकता। आप सदन को भंग कर कार्यवाहक सरकार के तौर पर छह महीने तक सरकार नहीं चला सकते।”
सीईसी ने कहा, “चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए। इस मामले में अदालतों के कई फैसले और जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।”
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में इस वर्ष चुनाव होने हैं। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 19 जून, 2019 को समाप्त होने वाला था, लेकिन तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार ने सदन भंग कर जल्द चुनाव करवाने का रास्ता चुना है।
कई जगहों पर हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान वीवीपैट में खराबी पर उन्होंने कहा कि आयोग समस्या को समाप्त करने पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम फिलहाल एक समस्या का सामना कर रहे हैं। कई जगहों पर उपचुनाव के दौरान, वीवीपैट में खराबी आई, कुछ जगहों पर वीवीपैट में पांच प्रतिशत, आठ प्रतिशत और 11 प्रतिशत शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। आयोग की प्रौद्योगिकी समिति वीवीपैट से संबंधित समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को 30 सितंबर को ईवीएम और 30 नवंबर तक वीवीपैट मिलेंगे। और जैसा कि आयोग ने सर्वदलीय बैठक में प्रतिबद्धता जताई है कि चुनाव वीवीपैट के साथ होंगे.. इसलिए चुनाव जो कि वीवीपैट संख्या के आधार पर होंगे, यह हमारे लिए समस्या नहीं है।
रावत ने कहा, “लेकिन जैसा कि आप कह रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी जल्द चुनाव करावाने की मांग एक संक्रमण की तरह फैल सकती है, तो इससे हमारे लिए कुछ समस्या उत्पन्न होगी।”