हैदराबाद, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। तेलंगाना के नलगोंडा जिले में मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पांच विचाराधीन कैदियों के शव वारंगल शहर के सरकारी एमजीएम अस्पताल में पहुंचा दिए गए हैं। यहां उनका परीक्षण होने के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि शवों को पहले जनगांव ले जाया गया था, लेकिन शव-परीक्षण के लिए उन्हें मंगलवार रात वारंगल ले जाया गया था। कानूनी प्रक्रिया के कारण इसमें देरी हुई। हालांकि वे नलगोंडा जिले के अलैर पुलिस थाना क्षेत्र में मारे गए थे, लेकिन चूंकि वे वारंगल केंद्रीय कारा के विचाराधीन कैदी थे, इसलिए उनके शव वारंगल ले जाए गए।
पुलिस के अनुसा, विक्वर अहमद उर्फ विक्वरुद्दीन और चार अन्य को वारंगल केंद्रीय कारा से हैदराबाद ले जाया जा रहा था। इसी बीच रास्ते में एक अभियुक्त ने पुलिस से हथियार छीनने और भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाई।
हालांकि, आरोपियों के परिवारों ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है। वे पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
विक्वर के पिता मोहम्मद अहमद ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करते हुए कहा कि जब तक मामले की सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए जाते, वह विक्वर का शव नहीं लेंगे।
इस बीच, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) और मानवाधिकार समूहों ने पुलिस की इस कार्रवाई को पिछले सप्ताह नलगोंडा जिले में आतंकियों द्वारा मारे गए पुलिसकर्मियों का ‘बदला’ करार दिया है।
घटना के 12 घंटों बाद पुलिस ने मंगलवार रात एक बयान में घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए इसे ‘मुठभेड़’ कहा था।
मृतक कैदी 33 वर्षीय विक्वर, 27 वर्षीय सैय्यद अमजद, 35 वर्षीय जाकिर हैदराबाद के निवासी थे, जबकि मोहम्मद हनीफ (37) गुजरात के अहमदाबाद और इजहार खान (33) उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला था।
पुलिस ने बताया कि वे मंगलवार की घटना की जांच कर रहे हैं। इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।