संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण सूडान में बढ़ रहे तनाव की वजह से भारतीय शांतिदूतों के लिए नागरिक युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिस वजह से उनके समक्ष खतरा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र दक्षिण सूडान के युद्धरत पक्षों के बीच शांति स्थापित करने या उन्हें रोकने में असमर्थ है।
संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण सूडान में बढ़ रहे तनाव की वजह से भारतीय शांतिदूतों के लिए नागरिक युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिस वजह से उनके समक्ष खतरा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र दक्षिण सूडान के युद्धरत पक्षों के बीच शांति स्थापित करने या उन्हें रोकने में असमर्थ है।
दक्षिण सूडान संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में कार्यरत 2,000 से अधिक भारतीय फौजों के साथ इस तनाव के बढ़ने से भारतीय सरकार की चिंताए बढ़ गई हैं। चिंता का कारण यह है कि अभी हाल ही में एक शरणार्थी शिविर पर हमला किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने हाल के दिनों में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ देश में बिगड़ रही स्थिति का मुद्दा उठाया था। इस मुद्दे से प्रत्यक्ष रूप से निपटने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष भी इसे रखा गया।
उन्होंने शांतिदूतों के समक्ष बढ़ रहे जोखिमों को ध्यान में रखते हुए चेतावनी दी और इसके राजनीतिक समाधान के लिए अधिक कठोर प्रयत्नों को उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
आज (गुरुवार) दक्षिण सूडान का चौथा स्वतंत्रता दिवस है। देश में दो प्रतिद्वंद्वी नेताओं राष्ट्रपति साल्वा कीर मायरडिट और पूर्व उपराष्ट्रपति रीक मछार के समर्थकों के बीच नागरिक युद्ध की वजह से यहां स्थिति संघर्षमय बनी हुई है।
इस स्थिति से परिचित एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि शांतिदूतों को चौकस रहने को कहा गया है और स्टाफ सदस्यों को शरणार्थी शिविर पर विद्रोही हमले के बाद अपनी गतिविधियों को सीमित रखने को कहा गया है।
उन्होंने शांतिदूतों के अभियानों के सशस्त्र संघर्षो में बदलने की घटना पर कहा कि एक अफ्रीकी देश के शांतिदूतों ने शरणार्थी शिविर पर हुए हमले का जवाब दिया था।
मई में भी दक्षिण सूडान के मलाकल के दो गुटों में जवाबी गोलाबारी में भारतीय सेना का एक कर्नल घायल हो गया था।
सोमवार को मलाकल शिविर क्षेत्र में भी युद्धरत गतिविधियों की खबरें आई थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के उपप्रवक्ता फरहान हक ने संवाददाताओं को बताया कि सूडान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 400 फौजी दस्ते सोमवार सुबह टैंकों और बख्तरबंद कर्मी वाहनों के साथ यूएनएमआईएमएस के मलाकल परिसर पहुंच गए। इसके बाद मलाकल कस्बे की ओर तीन मोर्टार राउंड गोलियां चलाई गई।
इस महीने की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दक्षिण सूडान में दोनों पक्षों के तीन-तीन यानी कुल छह जनरलों पर प्रतिबंध लगा दिए थे। उनकी यात्राओं पर ये पाबंदी लगाई गई थी। इसके साथ ही उनकी संपत्तियों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी। हालांकि यहां मौजूद एक राजनयिक ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया था।