नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को आपात बैठक में राजधानी में डेंगू के मामलों की समीक्षा की। बाद में एक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान उन्हें डेंगू के मरीजों के रिश्तेदारों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
आपात बैठक के बाद जैन ने संवाददाताओं से कहा, “बैठक में दिल्ली में डेंगू को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा हुई। सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना न करें। ” बैठक में सभी जिला अधिकारी और संभागीय आयुक्त मौजूद थे।
जैन ने कहा, “उनसे कहा गया है कि वे डेंगू के मामलों से निपटने के लिए पूरे इंतजाम करें। बैठक में डेंगू के मामलों की निगरानी के बारे में भी निर्देश दिए गए।”
डेंगू मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या की वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं।
अविनाश नाम के सात साल के बच्चे की डेंगू से मौत के मामले में शनिवार को केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए जबकि दिल्ली सरकार ने पांच अस्पतालों को नोटिस जारी किया। आरोप है कि इन अस्पतालों ने बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया था। बच्चे की मौत का सदमा उसके माता-पिता बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्होंने खुदकुशी कर ली।
दिल्ली सरकार ने अविनाश को भरती न करने के आरोपी पांचों अस्पतालों से नोटिस में पूछा है कि क्यों न इनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं।
बैठक के बाद जैन डेंगू मामलों और व्यवस्था की जानकारी लेने अचानक संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल पहुंचे।
सूत्रों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जैन के साथ मरीजों के नाराज रिश्तेदारों ने धक्का-मुक्की की।
निरीक्षण के बाद जैन ने कहा, “एक बेड पर दो मरीज हैं। हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। लेकिन वे (अस्पताल प्रशासन) मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर रहे हैं।”