लंदन, 11 जुलाई (आईएएनएस)। अगर आप दिल्ली में रहते हैं और कार से सफर करते हैं तो आपको जानलेवा काले कार्बन का खतरा कहीं यूरोप और अमेरिका के मुकाबले पांच गुना ज्यादा हो सकता है। यह चौंकाने वाली रपट एक हालिया अनुसंधान से सामने आई है।
काले कार्बन से श्वसन संबंधी तकलीफ के साथ-साथ दिल की बीमारी और कैंसर जैसे घातक रोग का भी खतरा पैदा हो सकता है। इससे जनन संबंधी खराबी भी हो सकती है।
विविध अनुसंधानों में बताया गया है कि सड़कों पर वाहनों की तादाद में तेजी से वृद्धि होने से एशिया में मानव को वायु को दूषित करने वाले कण पार्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) से खतरा पैदा हो गया है।
ब्रिटेन के सरे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और शोध के प्रमुख लेखक प्रशांत कुमार ने कहा, “इस बात के अकाट्य प्रमाण मिले हैं कि एशियाई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है।”
एटमॉस्फेरिक एनवायरमेंट जर्नल में प्रकाशित इस शोध में पीएम 2.5, गैसोलिन व डीजल जैसे कार्बन की अधिकता वाले ईंधन में से उत्पन्न काले कार्बन और अल्ट्राफिन कण समेत प्रदूषण पैदा करने वाले कणों का विश्लेषण किया गया है, जिनसे फेफड़ों को खतरा पैदा होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित नगरों में भारत के 14 नगर शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, एशिया में निम्न व मध्यम आय वाले देशों में समय से पहले होने वाली मौत में 88 फीसदी वायु प्रदूषण के कारण होती है।