जापानी सैनिकों के हाथ से लिखे इन इकरारनामों को चीन का अभिलेखागार प्रशासन जारी कर रहा है। ऐसा ही एक इकरारनामा मसाओ कनाजावा का है।
कनाजावा को 1943 में शानदोंग में जापानी सेना ने तैनात किया था। अगस्त 1945 में पकड़े जाने तक वह जापानी सेना का हिस्सा था।
कनाजावा ने लिखा है, “रिझाओ काउंटी में वह एक घर में घुसा। बिस्तर पर 60 साल की एक बीमार महिला लेटी थी। उसने महिला के कपड़े उतार दिए और उसकी योनि में एक काफी बड़ा स्वीट पोटैटो डाल दिया। बहुत ज्यादा खून निकलने की वजह से वह मर गई।”
कनाजावा ने बताया, “मैंने एक किसान को बहुत ज्यादा पानी पिलाया। जब पेट फूल गया तो मैं उस पर कूदने लगा। किसान एक घंटे में मर गया।”
मई 1945 में कनाजावा ने मेंगयिन काउंटी में 50 साल के एक आदमी को पकड़ने का आदेश दिया। कनाजावा ने बताया कि उस आदमी को बारूदी सुरंग पर लिटा दिया। इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। फिर उसे भूसे में बांधकर जला दिया।
कनाजावा ने यह भी माना है कि उसने और उसके साथी सैनिकों ने एक चीनी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।