नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारत के कुल विदेशी कर्ज में सितंबर में खत्म हुई तिमाही के दौरान मार्च अंत की अवधि की तुलना में 23.9 अरब डॉलर या 5.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 495.7 अरब डॉलर रहा।
वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, क्रमिक आधार पर जून अंत की अवधि की तुलना में सितंबर अंत तक विदेशी कर्ज में क्रमिक आधार पर 10 अरब डॉलर या 2.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और यह 495.7 अरब डॉलर रहा।
मानक अभ्यास के मुताबिक, देश के विदेशी कर्ज के मार्च तिमाही और जून तिमाही के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक जारी करता है तथा सितंबर और दिसंबर तिमाही के आंकड़े वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं।
विदेशी कर्ज की तिमाही रपट में कहा गया है, “समीक्षाधीन अवधि में विदेशी कर्ज में बढ़ोतरी का मुख्य कारण घरेलू पूंजी बाजार में कर्ज खंड में विदेशी संस्थागत निवेश (एफपीआई) में वृद्धि रहा, जो कि वाणिज्यिक उधार के तहत है।”
रपट में आगे कहा गया है, “मुख्य रूप से व्यापार संबंधी कर्ज की वजह से अल्पकालिक कर्ज में हुई वृद्धि ने कुल विदेशी कर्ज में समग्र वृद्धि में योगदान दिया।”