मुंबई, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। मुंबई की चित्रकार हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंबानी के हत्या मामले के चार आरोपियों में से एक शिवकुमार उर्फ साधु राजभर को यहां बुधवार को बोरीवली के एक दण्डाधिकारी ने 22 दिसम्बर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
साधु राजभर को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और मुंबई पुलिस की एक टीम ने संयुक्त अभियान में वाराणासी से गिरफ्तार किया था।
वह प्रमुख आरोपी विद्याधर राजभर का सहयोगी है, जो कि अब भी लापता है और पुलिस उसकी तलाश में है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने साधु राजभर के पास से पीड़ितों के दो दर्जन डेबिट, क्रेडिट और कई अन्य कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने विद्याधर का पता लगाने और भंबानी की लापता कार को ढूंढ़ने के लिए उसे हिरासत में रखने की मांग की थी।
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को दोहरे हत्याकांड में संलिप्त होने के आरोप में तीन अन्य व्यक्तियों -प्रदीप राजभर, आजाद राजभर और विजय राजभर- को गिरफ्तार किया था और उन्हें 19 दिसम्बर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
सभी आरोपियों पर हत्या, हत्या की साजिश रचने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि गिरफ्तार चारों आरोपियों ने दोनों हत्याओं और शवों को मुंबई उपनगर के एक नाले में फेंकने में विद्याधर राजभर की मदद की थी।
कुछ दिन पहले हेमा और हरीश के अर्धनग्न शवों को प्लास्टिक में लपेटकर कार्डबोर्ड के डिब्बे में रखकर एक टेम्पो में जुहू से कांदिवली ले जाकर एक खुले नाले में फेंक दिया गया था।
पुलिस ने दोनों डिब्बे ले जाकर फेंकने वाले टेम्पो चालक से पूछताछ की थी, जिसने कहा कि उसने यह समझकर डिब्बे फेंके कि उनमें टूटी हुई पुरानी चीजें (एंटीक) हैं।
हत्या के पीछे के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हेमा और उसके पति चिंतन उपाध्याय के बीच पिछले पांच वर्षों से तलाक के लिए मुकदमा चल रहा है।
पुलिस ने चिंतन से रविवार को पूछताछ की, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया।