काठमांडू, 24 नवंबर (आईएएनएस)। नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे ने मंगलवार को नेपाल के नेतृत्व से आग्रह किया कि वे देश के तराई क्षेत्र में जारी अशांति पर काबू पाने के लिए देश के नए संविधान में बदलाव करें।
तराई स्थित मधेसी पार्टियां देश के नए संविधान के खिलाफ बीते तीन महीने से प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी शिकायत है कि उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है और न ही राज्यों का सीमांकन सही तरीके से किया गया है। आंदोलन में अब तक 50 लोग मारे जा चुके हैं।
नेपाल-भारत मित्रता समिति के एक कार्यक्रम में भारतीय राजदूत रंजीत रे ने मंगलवार को कहा कि अशांति से निपटने का “एकमात्र विकल्प” यही है कि संविधान में संशोधन किया जाए और असंतुष्ट लोगों की शिकायतों को दूर किया जाए।
रे ने कहा कि बीते तीन महीने में मधेस आंदोलन में जनता की लगातार बढ़ती जा रही भागीदारी को लोगों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
रे ने कहा, “संविधान में संशोधन का प्रावधान है। राजनैतिक दलों के नेता कह रहे हैं कि नाराज लोगों की शिकायत को दूर करने के लिए इसे (संशोधन) किया जा सकता है।”
रे ने कहा कि अगर कोई जरूरत पड़ी तो भारत आंदोलन को खत्म कराने में पूरी मदद करेगा।
कई नेपाली नेताओं का कहना है कि आंदोलन उनके देश का अंदरूनी मामला है और नेपाल इसे खुद हल कर सकता है।
संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चे के तहत हो रहे प्रदर्शनों का असर नेपाल पर काफी बुरा पड़ा है। नेपाल-भारत सीमा पर आंदोलनकारियों की नाकेबंदी की वजह से सामानों से लदे वाहन भारत से नेपाल नहीं जा पा रहे हैं। इससे नेपाल में दवाओं और ईंधन समेत तमाम जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है।