नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। स्वस्थ भारत बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य क्षेत्र की उच्च संस्था नैटहेल्थ ने यहां मंगलवार को आयोजित अपने दूसरे वार्षिक कार्यक्रम में श्वेतपत्र ‘आरोग्य भारत 2025’ का अनावरण किया गया। यह श्वेतपत्र बेन एंड कंपनी के सहयोग से तैयार किया गया है।
श्वेतपत्र का अनावरण नैटहेल्थ के अध्यक्ष शिवेंद्र मोहन सिंह, अतिरिक्त सचिव नवरीत सिंह कांग, एचएस के महानिदेशक डॉ. प्रताप सी. रेड्डी व महासचिव अंजन बोस ने किया।
इस दौरान नैटहेल्थ द्वारा एक नैतिक सकंल्प की विशिष्ट पहल भी पेश की गई। यह उद्घोषणा स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत उद्योग के शीर्ष नेतृत्व द्वारा आईएमए की भागीदारी के साथ की गई।
अध्यक्ष शिवेंद्र मोहन ने कहा, “विचारशील नेतृत्व अभियान के लिए यह श्वेतपत्र नैटहेल्थ द्वारा बेन एंड कंपनी के साथ एक प्रयास है।”
उन्होंने कहा कि अगले दशकों में हमें एक ‘आरोग्य’ भारत की ओर बढ़ना है। जीडीपी में 2025 तक स्वास्थ्य सेवाओं पर कुल खर्च 6 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। हमें निजी बीमा क्षेत्र में 25 प्रतिशत वार्षिक दर के साथ बढ़त तथा 25 प्रतिशत आबादी को कवर करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि सरकारी बीमा क्षेत्र 2025 तक 60 प्रतिशत आबादी को जरूरी देखभाल मुहैया कराएगा।
श्वेतपत्र के अनुसार, भारत की 70 प्रतिशत आाबादी का स्वास्थ्य बीमा नहीं है और यह वैश्विक बेंच मार्क की तुलना में 20 लाख बेड कम हैं। भारत को संचयी फंडिंग में 30 लाख यूएस डॉलर की आवश्यकता है और यहां 2025 तक 15 से 2 करोड़ नौकरियां उत्पन्न होने की संभावना है।
श्वेतपत्र अनुशंसा करता है कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कठिन भूमिकाओं और आयुष, आयुर्वेद, योगा और न्यूट्रोपैथी, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी के पुनरुत्थान के लिए आपूर्ति बढ़ाई जाए और शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाए।
अंजन बोस ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार आगे घरेलू पहल और निर्माण पर अधिक ध्यान दे सकती है। इससे एफडीआई की वृद्धि में एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
श्वेतपत्र की प्रमुख अनुशंसा में सरकार से स्वास्थ्य बीमा की प्रीमियम पर टैक्स कम करने और मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को लाभप्रद बनाने की अपील है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।