आगरा, 24 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा में राष्ट्रीय पर्यटन विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने के निर्णय पर आगरा के पर्यटन उद्यमियों ने कड़ी प्रतिक्रया व्यक्त की है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने सोमवार को नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों को बताया था कि अगले तीन महीने में नोएडा में विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
आगरा में पर्यटन उद्योग के दिग्गजों का मानना है कि विकसित आतिथ्य उद्योग अवसंरचना और दर्जन भर पर्यटन स्थल होने के कारण इस बड़ी परियोजना पर आगरा का एक स्वाभाविक और व्यावहारिक दावा बनता है।
उनके मुताबिक, शर्मा ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय के लिए स्थान का चुनाव किस आधार पर किया और नोएडा में यह विश्वविद्यालय स्थापित करने के क्या लाभ हैं, जिसका पर्यटन से कोई संबंध नहीं है।
मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “इस राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को नोएडा में क्यों खोला जाना चाहिए? मुझे इसका कोई कारण बताएं। इसे मथुरा और आगरा के बीच स्थापित किया जाना चाहिए। मथुरा सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, जबकि आगरा वास्तुकला का गढ़ है। मैं महेश शर्मा के साथ इस पर चर्चा करूंगी।”
फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एजेंटस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने कहा, “हम कई सालों से आगरा में राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की स्थापना के लिए मंत्रालय को यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अचानक हमने सुना कि मंत्रालय पहले ही इस पर निर्णय ले चुका है। हम उनसे बात करेंगे और उन्हें यकीन दिलाने की कोशिश करेंगे कि आगरा, नोएडा से अधिक बेहतर स्थान है। यकीनन, राजनीतिक रूप से यह फैसला लिया गया है। क्योंकि यह उनका निर्वाचन क्षेत्र है।”
आगरा होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आगरा को एक बार फिर नजरअंदाज किया गया है।
कई नागरिक समूहों ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने के लिए मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया को पत्र लिखा है। कठेरिया आगरा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आगरा में समाजावादी पार्टी के नेताओं ने भी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए नोएडा का चुनाव करने पर विरोध जताया है।