नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को कहा कि कितने नोट छापे गए हैं, यह एक गुप्त मामला है। इसलिए इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को कहा कि कितने नोट छापे गए हैं, यह एक गुप्त मामला है। इसलिए इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
उन्होंने हालांकि लोगों को आश्वस्त किया कि पर्याप्त संख्या में नोट छापने की क्षमता है और इसकी छपाई भी हो रही है। उधर, नोटबंदी के एक हफ्ते बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं।
मेघवाल ने आईएएनएस से कहा, “कितने नोट रोज छापे जा रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती। बैंक की शाखाएं ठीक काम रही हैं। एटीएम को एक-दो हफ्तों में नए नोटों के अनुकूल कर लिया जाएगा। उसके बाद 500 और 2,000 रुपये के नए नोट एटीएम से निकलने शुरू हो जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि हर कोई सरकार के इस कदम की प्रशंसा कर रहा है, “यहां तक कि युवा वर्ग भी सरकार के समर्थन में है। केवल कुछ लोग डर का माहौल बना रहे हैं।”
मंत्री ने कहा, “बैंक में उंगली पर स्याही लगाने का फैसला प्रमुख शहरों में मंगलवार से लागू कर दिया गया है। इससे बैंकों और एटीएम के बाहर भीड़ कम होगी।”
उन्होंने कहा, “यह सुझाव जनता की तरफ से ही आया था और हमने इसे पसंद किया और लागू किया।”
इतने बड़े पैमाने पर नोटबंदी के बारे में उन्होंने कहा, “इस योजना को पूरी तरह गुप्त रखा गया था। हम लगातार लोगों को एसआईटी के गठन, बेनामी संपत्ति विधेयक, आय खुलासा योजना आदि के गठन के माध्यम से लोगों को सावधान कर रहे थे। हम लोगों को इसके लिए तैयार कर रहे थे। यह 2014 से ही हमारे एजेंडे में शामिल है।”
लोग एक तरफ जहां बैंकों के बाहर कतार खड़े परेशानियां झेल रहे हैं, वहीं बैंककर्मी इसका दोष नकदी की कमी को दे रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक की कर्मचारी काव्या ने कहा, “एटीएम में सिर्फ 100 रुपये के नोट डाले जा सकते हैं, जो जल्दी खत्म हो रहे हैं और लोगों की कतार बढ़ती जा रही है। लोग भी नकद निकासी की अधिकतम सीमा 2,500 तक निकाल रहे हैं, जिससे नकदी और जल्दी खत्म हो जा रही है।”