इस्लामाबाद, 22 जनवरी (आईएएनएस)। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाते हुए पाकिस्तान ने गुरुवार को जमात-उद-दावा (जेयूडी) और हक्कानी नेटवर्क को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने अतिवादी और आतंकवादी समूहों के लिए काले धन को वैध बनाने वाले आठ अन्य संदिग्ध संगठनों को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। अमेरिका ने पहले ही जेयूडी और हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
‘डॉन’ अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान ने यह फैसला जॉन केरी (अमेरिकी विदेश मंत्री) सहित किसी अन्य संस्था या व्यक्ति के दबाव में नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र बाध्यता के तहत लिया है।”
रपट में कहा गया है कि 16 दिसंबर को पेशावर के स्कूल में तहरीक-ए-तालिबान द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने अच्छे और बुरे का भेदभाव न करते हुए आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की।
रपट में कहा गया है कि आंतरिक मंत्रालय ने हक्कानी नेटवर्क और जमात-उद-दावा के साथ-साथ हरकत-उल-जिहाद इस्लामी, हरकत-उल-मुजाहिदीन, फलाह-ए-इंसानियत संस्थान, उम्माह तामीर-ए-नौ, हाजी खैरुल्लाह हाजी सत्तर मनी एक्सचेंज, राहत लिमिटेड, रोशन मनी एक्सचेंज, अल अख्तर ट्रस्ट और अल राशिद ट्रस्ट को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया है।
अमेरिका और भारत दोनों ने हमेशा ही हाफिज मोहम्मद सईद द्वारा संचालित जमात-उद-दावा को लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना है। लश्कर-ए-तैयबा पर 2008 में मुंबई हमले की साजिश रचने का भी आरोप है।
जेयूडी और हक्कानी नेटवर्क को प्रतिबंधित करने के अलावा सरकार ने जमात-उद-दावा के बैंक खातों को निष्क्रिय कर दिया है और इसके नेता हाफिज मोहम्मद सईद की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी है।
असलम ने कहा, “बिना किसी भेदभाव के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और देश में जेयूडी सहित सभी प्रतिबंधित संगठनों की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं।”
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि हक्कानी नेटवर्क को प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन संगठन का पाकिस्तान में कोई बैंक खाता नहीं है।
उन्होंने कहा कि फैसला पाकिस्तान के हित में लिया गया है, न कि किसी बाहरी दवाव में।
हक्कानी नेटलर्क का गठन जलालुद्दीन हक्कानी ने किया था। इस संगठन पर अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाली अंतर्राष्ट्रीय सेना पर कुछ सबसे जघन्य हमले करने का आरोप लगाया गया था। अमेरिका ने सितंबर 2012 में इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।