पेशावर, 7 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार सुबह एक आत्मघाती हमले में 17 लोगों की मौत हो गई।
आतंकवादी सगंठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े समूह जमातुल अहरार ने एक ईमेल के जरिए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने इसे पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर को मारने वाले ‘मुमताज कादरी को दी गई फांसी का बदला’ बताया है।
आत्मघाती हमला खैबर पख्तनूख्वा प्रांत के चारसद्दा जिले में हुआ। इसमें 30 लोग घायल हुए हैं। मारे गए 17 लोगों में दो पुलिसकर्मी व एक महिला भी शामिल हैं।
पास के एक अस्पताल से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने समाचारपत्र ‘डॉन’ को बताया कि अस्पताल में 13 शव लाए गए थे, जबकि पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में चार शव पहुंचे थे।
स्थानीय पुलिस अधिकारी सोहेल खालिद ने मीडिया को बताया कि यह एक आत्मघाती हमला था। आत्मघाती हमलावर ने अदालत परिसर में घुसने की कोशिश की। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे गेट पर ही रोक लिया, जिसके चलते उसने स्वयं को वहीं उड़ा दिया।
पुलिसकर्मियों ने हमलावर को रोकने के लिए गोलियां भी चलाई थीं। जिस समय आत्मघाती हमला हुआ, उस समय अदालत में काफी भीड़ थी क्योंकि अदालत सप्ताहांत की छुट्टियों के बाद खुली थी।
इस हमले में वहां खड़े कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।
यह आत्मघाती विस्फोट कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लागू नेशनल एक्शन प्लान (एनएपी) में कामयाबी मिलने और देश भर में आतंकवाद रोधी कदम उठाए जाने के बाद हुआ है।
16 दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके बाद एनएपी को लागू किया गया। इसके बाद से अब तक 2,159 आतंकवादी मारे जा चुके हैं और 1,724 को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मृतकों के घरवालों के प्रति संवेदना जताई और हमले की निंदा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री ने परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है और अल्लाह से उन लोगों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की हिम्मत देने की दुआ की।”
शरीफ ने कहा कि आतंकवाद का सामना करते हुए देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लोगों ने जो अनगिनत बलिदान दिए हैं, वे व्यर्थ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, “देश अपनी सरजमीं से इस खतरे का नामोनिशां मिटाने की प्रतिबद्धता से बंधा हुआ है।”