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पारंपरिक लिबास में नहीं मिली पीएमटी देने की इजाजत (लीड-1)

तिरुवनंतपुरम, 25 जुलाई (आईएएनएस)। केरल में शनिवार को पारंपरिक लिबास में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) देने पहुंचीं एक नन को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसा हाल ही में पीएमटी परीक्षा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के दिए गए फैसले के तहत किया गया।

सिस्टर सेबा अपने पारंपरिक लिबास में परीक्षा देने पहुंची थीं और उन्होंने सिर से स्कार्फ हटाने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।

सेबा ने संवाददाताओं से कहा, “मुझसे कहा गया कि मैं यह पहन कर परीक्षा नहीं दे सकती। मैंने अधिकारियों से कहा कि जांच के दौरान मैं अपना स्कार्फ हटा लूंगी और जांच पूरी होने पर फिर पहन लूंगी।”

उसे सर्वोच्च न्यायालय के सप्ताह की शुरुआत में दिए गए एक फैसले के आधार पर इसकी अनुमति नहीं दी गई, जिसमें एआईपीएमटी में ड्रेस कोड लागू करने के सीबीएसई के फैसले पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीबीएसई की तरफ से लागू किए गए ड्रेस कोड का उद्देश्य परीक्षार्थियों की गड़बड़ी पर रोक लगाना है।

सिस्टर सेबा पारंपरिक लिबास के साथ परीक्षा देने आई थी।

उसने कहा, “लेकिन अधिकारियों ने कहा कि मैं तभी परीक्षा में शामिल हो सकती हूं जब मैं अपना स्कार्फ हटाकर परीक्षा दूं। तब मैंने लौटने का फैसला किया।”

सेबा ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर अधिकारी ने कहा कि उन्हें उससे सहानुभूति है। “उन्होंने मुझसे कहा कि वह खुद इसाई हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें नियमों का पालन करना होगा।”

सायरो मालंकारा गिरिजाघर के आधिकारिक प्रवक्ता बोवस मैथ्यू ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। सेबा इस गिरिजाघर से ताल्लुक रखती हैं।

मैथ्यू ने आईएएनएस से कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार इस मसले के समाधान के लिए कुछ नहीं कर रही।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) के लिए तय ड्रेस कोड में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए अभ्यर्थियों के कक्षा में पूरी आस्तीन की कमीज, हिजाब या बुर्का पहनकर परीक्षा देने जाने पर पाबंदी लगा दी थी।

न्यायालय ने यह आदेश ‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया’ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था, जिसमें दलील दी गई थी कि इस तय ड्रेस कोड से उनकी आस्था आहत होती है। लेकिन न्यायालय ने उनकी यह दलील खारिज कर दी और कहा कि तीन घंटे की परीक्षा में बिना हिजाब के बैठने से आस्था समाप्त नहीं हो जाएगी।

पारंपरिक लिबास में नहीं मिली पीएमटी देने की इजाजत (लीड-1) Reviewed by on . तिरुवनंतपुरम, 25 जुलाई (आईएएनएस)। केरल में शनिवार को पारंपरिक लिबास में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) देने पहुंचीं एक नन को इसमें शामिल होने की अनुमति तिरुवनंतपुरम, 25 जुलाई (आईएएनएस)। केरल में शनिवार को पारंपरिक लिबास में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) देने पहुंचीं एक नन को इसमें शामिल होने की अनुमति Rating:
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