गुवाहाटी, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। रीढ़ से संबंधित विभिन्न समस्याओं और पक्षाघात के निदान में मूल कोशिका (स्टेम सेल) उपचार पद्धति की सफलता को देखते हुए देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी इसे लांच किया गया।
गुवाहाटी स्थित नेमकेयर अस्पताल पूर्वोत्तर राज्यों का पहला अस्पताल होगा, जो इस चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करेगा। यहां स्टेम सेल चिकित्सा पद्धति बुधवार को लांच की गई, जिसके लिए अलग ओपीडी सत्र भी होगा।
स्टेम सेल चिकित्सा पद्धति के फायदों को बताने के लिए अस्पताल में न्यूअर फ्रंटियर्स इन मेडिसिन के नाम से एक सत्र भी लांच किया गया, जो एचईएससी थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है।
स्टेम सेल थेरेपी विशेषज्ञ गीता श्रॉफ ने इस चिकित्सा पद्धति के विभिन्न फायदों पर प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा, “इस पद्धति के जरिये उपचार बिल्कुल क्रांतिकारी है और यह स्वास्थ्य जटिलताओं के विभिन्न प्रकारों में सर्वाधिक सफल चिकित्सा पद्धति है।”
स्टेम सेल थेरेपी रीढ़ की हड्डियों में चोट, लाइम बीमारी, प्रमस्तिष्क पक्षाघात तथा यहां तक कि ऑटिज्म में भी कारगर है।