नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने रविवार को पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र को सौंप दिया। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है। यह समझौता वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने से जुड़ा है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इसे संधि विभाग के प्रमुख सैंटियागो विल्लालपांडो को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हस्ताक्षर वाले अनुमोदन दस्तावेज सौंपे।
गौरतलब है कि दो डिग्री से ऊपर के तापमान से धरती के जलवायु में बड़ा बदलाव हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, सूखा, जंगलों में आग जैसी आपदाएं बढ़ सकती हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में कहा कि भारत ने अपने वादे को पूरा किया। गांधी जयंती पर अनुमोदन दस्तावेज सौंपा गया।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत ने जलवायु समझौते संबंधी अनुमोदन दस्तावेज सौंप दिया है। भारत इस तरह इस समझौते का अनुमोदन करने वाला 62वां देश बन गया।
जलवायु समझौते के अनुसार, यह संधि तभी लागू हो सकती है, जब 55 देश इसे अनुमोदन कर देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रास्वां ओलांद ने भारत के कदम की सराहना की है।
पेरिस में 191 देशों के बीच जलवायु परिवर्तन पर बनी सहमति के करीब एक साल बाद भारत ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है।
भारत से पहले 61 देशों ने इस समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है, जो करीब करीब 48 फीसदी कार्बन उत्सर्जन करते हैं। चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश है।