कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। ‘फायर’ और ‘अर्थ’ जैसी गंभीर फिल्मों के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री नंदिता दास को ‘फेस्टिवल फिल्म’ शब्द से थोड़ी आपत्ति है। उनका मानना है कि लोग फिल्मोत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्म भी देखना चाहते हैं, लेकिन वे उन तक नहीं पहुंच पातीं।
नंदिता ने यहां कहा, “इसे (फिल्म) फिल्मोत्सव में दिखाई जाने वाली वर्सिज दर्शकों को दिखाई जाने वाली फिल्म की तरह नहीं लेना चाहिए..एक फिल्मकार इसे अपने शहर, राज्य और हर जगह सभी दर्शकों को दिखाना चाहेगा। यह विभाजन असहज कर देता है।”
वह यहां रविवार को सत्यजित रे की फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वॉट इज रीजनल सिनेमा, वॉट इज नेशनल सिनेमा’ विषय पर विचार व्यक्त कर रही थीं।
नंदिता ने कहा कि फिल्मों का इस तरह का बंटवारा करना मानवीय कहानियों वाली कुछ अच्छी फिल्मों को प्रभावित करता है, जो ज्यादा दर्शकों तक नहीं पहुंच पाती हैं।