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बंगाल का जनजातीय समुदाय फेसबुक के जरिए करेगा विकास

कोलकाता, 21 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के जनजातीय समुदायों से जुड़े फेसबुक उपयोगकर्ता अपनी आभासी दुनिया की दोस्ती को वास्तविक दोस्ती में बदलने जा रहे हैं। वे पांच अप्रैल को एक बैठक में सोशल मीडिया को जनजातीय विकास के उपकरण के तौर पर प्रयोग करने की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

द्वितीय ‘कोलकाता आदिवासी फेसबुक बैठक’ का लक्ष्य जनजातीय समुदायों के उन युवाओं और वयस्कों को मिलाना है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में खुद को स्थापित किया है।

बैठक के आयोजकों में से एक प्रदीप कुमार हंसदा ने आईएएनएस को बताया, “हम आभासी दोस्ती को वास्तविक संबंध में बदलने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस मंच को जनजातीय सदस्यों के बीच विकास और एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग किया जा सके।”

हंसदा ने कहा, “आदिवासी समाज के शिक्षित और विशेषाधिकृत युवाओं को मुद्दे उठाने और उनके समाधान उपलब्ध कराने की जरूरत है। चूंकि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, इसलिए हमारा मानना है कि यह परिवर्तन लाने में प्रेरक हो सकता है। युवा पहले ही विचारों से भरे हैं और यह मंच उन विचारों को आकार देने में मदद करेगा।”

इस लोकप्रिय सोशल नेटवर्किं ग साइट के 642 उपयोगकर्ताओं को एक दिवसीय बैठक के लिए विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के मैदान में आमंत्रित किया गया है।

अधिकतर आमंत्रित व्यक्ति फेसबुक के ‘संथाल स्टूडेंट्स एंड यूथ यूनिटी’ और ‘ऑल इंडिया आदिवासी एंप्लोइज एंड टीचर्स एसोसिएशन’ समूहों से जुड़े लोग हैं।

हंसदा ने बताया, “अधिकतर लोग बंगाल की संथाल जैसी जनजातियों से जुड़े हैं। हमारे पास ओडिशा और बिहार जैसे पड़ोसी देशों के जनजातीय सदस्य भी हैं। हमने इसे बंगाल से शुरू किया है और राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं।”

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