नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। आम बजट के बाद सुधार की उम्मीद और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरों में अप्रत्याशित कटौती के साथ ही पांच मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजारों में निवेश बढ़ाए रखा।
नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक, पांच मार्च को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 6,861.65 करोड़ रुपये (1.10 अरब डॉलर) के शेयर खरीदे।
बजट के बाद सुधार की अधिक उम्मीदों और आरबीआई द्वारा प्रमुख दरों में 25 आधार अंकों की अप्रत्याशित कटौती ने एफपीआई की रुचि भारतीय बाजारों में बनाए रखी।
27 फरवरी को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 4,625.81 करोड़ रुपये (74.532 करोड़ डॉलर) की लिवाली की थी।
जाइफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने आईएएनएस से कहा, “एफआईआई का निवेश प्रवाह अब तक बेहतर रहा है। बजट के बाद एफआईआई का ध्यान अब सुधार प्रक्रिया की गति और संसद के चालू सत्र पर टिकी रहेगी।”
उन्होंने कहा, “विधेयकों को पारित करा पाने में सरकार की क्षमता पर एफआईआई का विशेष ध्यान रहेगा।”
बेहतर एफपीआई निवेश के कारण बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.29 फीसदी या 87.45 अंकों की तेजी के साथ पिछले सप्ताह 29,448.95 पर बंद हुआ।
आगामी सप्ताह में हालांकि जनवरी महीने के लिए अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल के आंकड़ों में वृद्धि के कारण एफपीआई भारतीय बाजार से बिकवाली कर सकती है।
अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल बढ़कर गत महीने 2,95,000 हो गया। बेरोजगारी दर घटकर 5.5 फीसदी रह गई, जो जनवरी में 5.7 फीसदी थी।
भारतीय बाजार की चिंता यह है कि बेहतर अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल आंकड़े से महंगाई बढ़ेगी। और इसके कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व उम्मीद से पहले ब्याज दर बढ़ा सकता है। ब्याज दर बढ़ने से एफआईआई भारत जैसे उभरते बाजारों से किनारा कर सकते हैं।
आने वाली अवधि में निवेशकों का ध्यान मुख्यत: संसद के चालू बजट सत्र, सप्ताह के बीच में आने वाली महंगाई तथा औद्योगिक उत्पादन के फरवरी महीने के आंकड़े पर टिका रहेगा।